नितिन जौहरी दैनिक केसरिया हिंदुस्तान
दिनांक 21.02.2025 को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस चंद्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय सीहोर के भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के अंतर्गत एवं प्रभारी प्राचार्य डॉ. उदय डोलस के मार्गदर्षन में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर ‘भारतीय भाषाएं एवं भारतीय ज्ञान परंपरा’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का प्रारम्भ मॉं सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्कृत के आचार्य डॉ. गोविंद मसूरे ने स्वस्ति वाचान किया। इसके पश्चात महाविद्यालय के प्रषासनिक अधिकारी डॉ. आमिर एजाज ने मुख्य अतिथि पंडित शैलेष तिवारी जी का स्वागत किया गया। डॉ. मौली थॉमस ने प्रषानीक अधिकारी डॉ. आमीर एजाज का तथा डॉ. गोविंद मसूरे ने डॉ. शीलचन्द्र गुप्ता का सम्मान किया। तत्पष्चात प्रकोष्ठ के प्रभारी श्री विनय मणि त्रिपाठी ने कार्यक्रम की रूपरेखा तथा भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ की कार्यप्रणाली पर प्रकाष डाला।कार्यक्रम के प्रथम वक्ता के रूप में डॉ. रामकृपाल राय, प्राचार्य सर्वाेदय किसान पी.जी.कॉलेज कौड़ीराम, गोरखपुर ने अत्यंत ही सौंदर्य पूर्ण ढंग से भारतीय भाषा के इतिहास, भाषा की व्यापकता तथा जनसमूह में योगदान का विवरण दिया। बालकृष्ण भट्ट के वचनों को माध्यम से प्रोण् राय ने बताया कि भारतीय साहित्य जन समूह का हृदय है। उनके वक्तव्य में प्रमुखता से बताया गया कि समय के अनुसार भाषा का विकास जरूरी है तथा संपूर्ण विश्व को ज्ञान देने के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा हमेशा अग्रसर रही है। कार्यक्रम की अगले चरण में द्वितीय वक्ता डॉण् ममता तिवारी, सह. प्राध्यापक, हिन्दी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा मातृभाषा के प्रति भाव तथा संवेदना को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने मातृभाषा को हृदय से जुड़ी तथा विद्या और ज्ञान ब्रह्म का स्वरूप बताया। डॉण् तिवारी ने अपने वक्तव्य में भारतीय ज्ञान के व्यापक स्वरूप तथा भारतीय मूल्य के परिपेक्ष्य में भारतीय ज्ञान परंपरा की भूमिका के महत्व पर जोर दिया। शास्त्र और शास्त्र का ज्ञान प्राचीन काल से भारतीय वेदों में अन्तर्निहित हैं।