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अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर सरपंचों ने सौंपा ज्ञापन

संवाददाता विपिन पटेल दैनिक केसरिया हिंदुस्तान 

तेंदूखेड़ा-तेंदूखेड़ा विगत दिवस चांवरपाठा विकास खंड के अंतर्गत आने वाले सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच संघ के वेनर तले प्रांतीय आह्वान पर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम संबोधित 24 सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन कलेक्टर महोदय को सौंपा गया। जिसमें वृद्धावस्था पेंशन बिना बीपीएल के स्वीकृति का अधिकार सरपंच को देने ईएमबी के मूल्यांकन बंद करने उपयंत्रियों द्वारा समय पर मूल्यांकन नहीं करने मध्यप्रदेश पंचायती राज व्यवस्था से ग्राम पंचायतों के लिए जो कार्य स्वीकृति दी गई थी । उन्हें स्वीकृति दिलाई जाये। तथा किस्तें प्रदाय की जायें। नल जल योजना शासन द्वारा ग्राम पंचायतों में चालू की गई थी वह 80 प्रतिशत फेल है। ठेकेदारों पर कार्यवाही करें या पूर्ण करा दें।शासन द्वारा जो संबल योजना चलाई जा रही है मृतक परिवार को जो सहायता राशि दी जाती है वह भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के कारण हितग्राही को लाभ नहीं मिल पा रहा है। जांच कर संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जावे। सरकारी कर्मचारियों की तरह सरपंचों एवं पचों का 20 लाख रुपए तक के बीमा की व्यवस्था की जाये एवं न्यूनतम पेंशन 2000 रुपए की जावे। ग्राम पंचायत में कोई भी निर्माण कार्य चाहे विभागों के हों या जनप्रतिनिधियों की निधि के हो ग्राम पंचायत ही निर्माण एजेन्सी हो। वित्त राशि की डीपीआर बनाकर उपयंत्री सहायक यंत्री के हस्ताक्षर होने पर इसे ही टी एस माना जावे बार बार टी एस के नाम पर कमीशन नहीं देना पड़े।
ग्राम पंचायत विकास कार्य के लिए भी राशि उपलब्ध होना चाहिए। ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 22 के अंतर्गत जनपद पंचायतों में बैठक रोस्टर के हिसाब से सरपंचों को नही बुलाया जाता है इसके लिए सभी जनपदों को आदेश करने की व्यवस्था की जाये रोजगार सहायक व सचिव की सीआर लिखने का अधिकार सरपंच को होना चाहिए उनका वेतन और अवकाश के अधिकार पूर्ण रूप से ग्राम पंचायत को दिये जाये। रोज़गार सहायक का स्थानांतरण नीति जल्द लागू की जाये।पंचायतों में अधिकतम कार्यों की सीमा 20 को हटाया जाये। तथा आदेश वापस लिये जाये। सी एम हेल्पलाईन181पर झूठी शिकायत पर शिकायतकर्ता पर एफ आई आर दर्ज होनी चाहिए। प्रधानमंत्री आवास व मुख्यमंत्री आवास प्रत्येक पंचायत में दिए जाये। शासन द्वारा हाजरी का एनएमएमएस को जो नियम प्रारम्भ किया गया है उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए । मनरेगा को मूलरूप में लाया जावे केन्द्र सरकार समन्वय स्थापित करते हुए पंचायत को मांग आधारित असीमित कार्य की अनुमति दी जावे। निर्माण अनियमिता का जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी की लापरवाही की वजह से सरपंचों को धारा 40 में हटाने और वसूली ना की जावे एवं मनरेगा के कार्यों में धारा 40 के अंतर्गत सरपंच के विरूध कार्यवाही नहीं की जाये नोटिस देने का अधिकार कलेक्टर को होना चाहिए। पद से पृथक करने का अधिकार राज्यपाल महोदय के अनुमोदन से किया जाये। 2011 की जनगणना के अनुसार टाईड अनटाईड की राशि जारी दी जा रही है उसे वर्तमान जनसंख्या के अनुसार दी जावे ।
पंचायत विकास निधि गठित कर सरपंच निधि बनाई जावे जिससे जरूरत पड़ने पर अचानक कोई भी कार्य किये जा सकें। इसलिए इसका गठन किया जाये ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिये नई आर्थिक गतिविधियों के संचालन से जोड़ा जाये। तथा सरपंच उपसरपंच और पंचों का वेतन बढ़ाया जाये।इस मौके पर सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष अध्यक्ष ओमप्रकाश पटैल जनपद पंचायत के अध्यक्ष सोवरन सिंह प्रदीप शर्मा बैनी सिंह बबलू पाठक प्रीतम पटैल भूपत सिंह अजीत सिंह भजन सिंह इंद्रेश कुमार यादव नारायण लोधी जगदीश चौरसिया सियाराम ठाकुर दिलीप सिंह संदीप ठाकुर नितिन खरे द्वारका प्रसाद झरिया मनोज मेहरा मीडिया प्रभारी देवेंद्र पटैल सहित अन्य सरपंच साथी उपस्थित रहे।

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