दैनिक केसरिया हिंदुस्तानजि ला ब्यूरो बालाघाट दीपक बंशपाल
बालाघाट-गर्मी के मौसम में जंगल में आग लगना आम बात है. गर्मी तेज होते ही जंगलों में आग लगने की घटना सामने आने लगीं हैं. मंगलवार को बालाघाट के जंगल में तेजी से आग फैल गई. जिसका धुआं रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया. जंगल में लगी आग ने वन विभाग और प्रशासन की बैचेनी बढ़ा दी है. वन विभाग का मौजूदा अमला आग पर काबू नहीं पा सका है. मदद के लिए दूसरे जिलों से फायर ब्रिगेड बुलाई जा रही हैं.
तेजी से फैल रही आग :कयास लगाया जा रहा है कि महुआ बीनने आने वाले लोगों या फिर किसी शरारती तत्व ने जंगल में आग लगाई है. जंगल में लगी भीषण आग से वन संपदा को भी भारी नुकसान होने का अनुमान जताया जा रहा है. जंगल सुलगने से वन्य प्राणियों के लिए मुसीबत भी बढ़ गई है.
विभागीय उदासीनता से जल रहा बालाघाट का हरा भरा जंगल जंगल में आग लगने की मुख्य वजह विभागीय अमले की उदासीनता मानी जा रही है. वीडियो में जलता दिखाई देने वाला जंगल उत्तर वनमण्डल सामान्य बालाघाट वन परिक्षेत्र के पश्चिम बैहर का है. हजारों हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में है. आग बुझाने की कोशिश की जा रही है. आशंका जताई जा रही है कि वन में लगी आग से बेशकीमती औषधि, जड़ी बूटियां बड़े पैमाने पर नष्ट हो सकती हैं.परिक्षेत्र उत्तर सामान्य लामता की पूरी 23 बीटे कॉरीडोर से जुड़ी होने से बहुतायत वन्यप्राणी आ गए है। जंगलों में इन दिनों महुआ बीनने का कार्य तेजी से चल रहा है। इस बीच कई बार लोग महुआ बीनने के दौरान सूखे पत्तों में आग लगा देते है। आग लगने से वनों के साथ वन्य प्राणियों को भी नुकसान पहुंचने की संभावना बनी होती है। पूरे जंगल 23 हजार 468.17 हेक्टेयर में विस्तृत रूप से फैले हुए है। जंगलों की सीमाएं उत्तर सिवनी, पश्चिम और मंडला को स्पर्श करती है। जंगल की पूरी बीटों में एक-एक यानी 23 वनरक्षक, बीटगार्ड और 30 वन सुरक्षा श्रमिक हमेशा तैनात होकर सावरझोड़ी, चंदिया पहाड़ी, कुमनगांव कालापानी, बड़गांव, मलधर के पांच वॉच टावरों से खड़े होकर बायना कूलस यानी दूरबीन की बदौलत से निगरानी रखी जा रही है। इससे गर्मी के दिनों में जहां पर भी आग की घटना हो वहां जल्द ही टीम पहुंचकर आग पर काबू पाया जा सके।