दैनिक केसरीया हिंदुस्तान
महायुति की प्रचंड जीत के पीछे महाविकास आघाडी से व्यापारियों की नाराजगी भी एक प्रमुख वजह बनी है। चुनाव से कुछ दिन पहले संजय राऊत ने व्यापारियों के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया था। इससे व्यापारी गुस्से में थे, जिसका असर चुनाव परिणाम में साफ देख सकते हैं। यह बातें कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के उपाध्यक्ष एवं ठाणे जिला होलसेल व्यापारी वेलफेयर महासंघ महासंघ के अध्यक्ष सुरेश भाई ठक्कर ने कहीं हैं। ठक्कर ने कहा कि संजय राऊत के बयान से व्यापारियों में नाराजगी थी। ठक्कर ने कहा कि महाराष्ट्र के व्यापारियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब भी उनका शोषण होता है, वे एकजुट होकर जवाब देते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि लोकल बॉडी टैक्स के मुद्दे पर वर्ष 2014 में व्यापारी एकजुट हुए थे और इसके बाद पृथ्वीराज चव्हाण की सरकार को जनता ने सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था। इस इस चुनाव से ठीक पहले संजय राऊत के बयान के कारण आघाडी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है।
व्यापरियों के खिलाफ बोलने वालों को सिखाया सबक
महाराष्ट्र चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ललित गांधी ने चुनावी परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इस चुनाव में व्यापरियों के खिलाफ बोलने वाले लोगों को सबक सिखा दिया है। भारत मर्चेंट्स चेंबर के ट्रस्ट्री राजीव सिंघल ने कहा कि व्यापारियों ने विकास के लिए स्थाई महायुति को प्राथमिकता दी है। इस सरकार में रोजगार और कारोबार बढ़ेगा।
क्या कहा था संजय राऊत ने बता दें कि चुनाव से ठीक पहले शिवसेना उद्धव के सांसद संजय राऊत अपने बयान में कहा था कि महाराष्ट्र राजनीति की हालत खराब हो गई है, इसके लिए अमित शाह जिम्मेदार हैं। उनकी व्यापारी और शोषणकारी प्रवृत्ति ने महाराष्ट्र को लूटने और मराठी लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए पिछले तीन-चार सालों से साजिश रची है। राऊत ने कहा था कि व्यापारी हमेशा झूठ बोलता है, मिलावट करता है और ग्राहकों को धोखा देता है। इस बयान से व्यापारी वर्ग नाराज थाl