नगीना केसरिया हिंदुस्तान।। समाजसेवी अरण कुमार ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में दान दी जमीन पर अस्पताल निर्माण के लिए करोडो रुपए मिलने के बाद भी निर्माण नहीं, कोन डकार गया अस्पताल निर्माण का पैसा, कही एक इंटर कॉलेज का शिक्षक तो नहीं डकार गया। यही चर्चा नगर में पिछले काफी समय से हो रही है लेकिन अधिकारी कुछ भी करने को तैयार नहीं है।
मुख्यमंत्री को भेजें शिकायत में कहां है कि वर्ष 1979 में मुंबई के फ्री टुडे यूनियन समल्टी परपज प्रोजेक्ट ट्रस्ट फॉर वेलफेयर रूरल एण्ड बम्बई * को नगीना की एक महिलाओं ने जो ट्रस्ट की अध्यक्ष थी। वह आर जे मेहता की प्राइवेट सेक्रेटरी थी, ने अपनी जमीन नगीना है हैजपुर रोड पर अस्पताल बनाने के लिए दान में दी थी, उसे जमीन पर मेहताजी ने अस्पताल बनाने की घोषणा कर अस्पताल की बिल्डिंग बनाने के लिए पैसा स्वीकृत कर दिया था। जमीन देने वाली महिला ने अस्पताल बनवाने का जिम्मा अपने एक रिश्तेदार को दिया जो उसे समय एम एम इंटर कॉलेज में अध्यापक के पद पर कार्यरत थे जैसे ही अस्पताल के निर्माण के लिए पैसा आया उन अध्यापक महोदय ने अपने पद से इस्तीफा देकर उस रकम पर कब्जा कर लिया और उस रकम से अस्पताल में बनवाकर उस रकम को कहां खर्च किया यह बात किसी को पता नहीं। अचानक 2 साल के बाद पता नहीं अध्यापक की क्या मजबूरी आई कि उन्होंने ट्रस्ट से अपने कुछ पदाधिकारी को दिखाने के लिए उस जमीन की चारदीवारी कर एक कोठरी बनवाकर खड़ी कर दी, जो आज भी बदस्तूर खड़ी है और शेष जमीन पर खेती हो रही है।
अस्पताल की उस जमीन पर अस्पताल न बनाकर उस जमीन पर खेती करके लाखों रुपए कमाए जा रहे हैं। उन पैसों का क्या हुआ है इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है, चर्चा तो यहां तक है कि भू माफिया ने इस ट्रस्ट की कुछ जमीन को खुर्द बुर्द कर दी है आम जनता में यह बात रहस्य बनी हुई है कि लगभग 40 साल से आज तक ट्रस्ट की तरफ से कभी पता करने की कोशिश नहीं की गई कि जो पैसा हम अस्पताल को दे रहे हैं वह अस्पताल बना भी है या नहीं। सवाल उठता है कि जनता ट्रस्टी को पैसा दान में इसलिए देती है कि वह सही जगह लगे, नगीना। करोड़ों रूपये मिलने के बाद भी अस्पताल का निर्माण नहीं।
नगीना।। समाजसेवी अरण कुमार ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में दान दी जमीन पर अस्पताल निर्माण के लिए करोडो रुपए मिलने के बाद भी निर्माण नहीं, कोन डकार गया अस्पताल निर्माण का पैसा, कही एक इंटर कॉलेज का शिक्षक तो नहीं डकार गया। यही चर्चा नगर में पिछले काफी समय से हो रही है लेकिन अधिकारी कुछ भी करने को तैयार नहीं है।
मुख्यमंत्री को भेजें शिकायत में कहां है कि वर्ष 1979 में मुंबई के फ्री टुडे यूनियन समल्टी परपज प्रोजेक्ट ट्रस्ट फॉर वेलफेयर रूरल एण्ड बम्बई * को नगीना की एक महिलाओं ने जो ट्रस्ट की अध्यक्ष थी। वह आर जे मेहता की प्राइवेट सेक्रेटरी थी, ने अपनी जमीन नगीना है हैजपुर रोड पर अस्पताल बनाने के लिए दान में दी थी, उसे जमीन पर मेहताजी ने अस्पताल बनाने की घोषणा कर अस्पताल की बिल्डिंग बनाने के लिए पैसा स्वीकृत कर दिया था। जमीन देने वाली महिला ने अस्पताल बनवाने का जिम्मा अपने एक रिश्तेदार को दिया जो उसे समय एम एम इंटर कॉलेज में अध्यापक के पद पर कार्यरत थे जैसे ही अस्पताल के निर्माण के लिए पैसा आया उन अध्यापक महोदय ने अपने पद से इस्तीफा देकर उस रकम पर कब्जा कर लिया और उस रकम से अस्पताल में बनवाकर उस रकम को कहां खर्च किया यह बात किसी को पता नहीं। अचानक 2 साल के बाद पता नहीं अध्यापक की क्या मजबूरी आई कि उन्होंने ट्रस्ट से अपने कुछ पदाधिकारी को दिखाने के लिए उस जमीन की चारदीवारी कर एक कोठरी बनवाकर खड़ी कर दी, जो आज भी बदस्तूर खड़ी है और शेष जमीन पर खेती हो रही है।
अस्पताल की उस जमीन पर अस्पताल न बनाकर उस जमीन पर खेती करके लाखों रुपए कमाए जा रहे हैं। उन पैसों का क्या हुआ है इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है, चर्चा तो यहां तक है कि भू माफिया ने इस ट्रस्ट की कुछ जमीन को खुर्द बुर्द कर दी है आम जनता में यह बात रहस्य बनी हुई है कि लगभग 40 साल से आज तक ट्रस्ट की तरफ से कभी पता करने की कोशिश नहीं की गई कि जो पैसा हम अस्पताल को दे रहे हैं वह अस्पताल बना भी है या नहीं। सवाल उठता है कि जनता ट्रस्टी को पैसा दान में इसलिए देती है कि वह सही जगह लगे, लेकिन यहां तो सब घोटाला ही घोटाला हो रहा है इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी जरूरी है, क्योंकि एक अनुमान के अनुसार अब तक कई करोड़ रुपए का बंदर बांट हो चुका है। नगर के संभ्रांत लोगों ने उच्च अधिकारियों से करोड रुपए के गमन को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कारण तथा दोषी पाए जाने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है जरूरी है, क्योंकि एक अनुमान के अनुसार अब तक कई करोड़ रुपए का बंदर बांट हो चुका है। नगर के संभ्रांत लोगों ने उच्च अधिकारियों से करोड रुपए के गमन को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कारण तथा दोषी पाए जाने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है