दीपक सिंह तोमर केसरिया हिंदुस्तान
मंडलेश्वर।एक सप्ताह पूर्व एक कॉलोनाइजर द्वारा अपनी कॉलोनी के डेवलेपमेंट के लिए कुछ पेड़ो की सिर्फ छटाई के नाम पर बलि दी गई थी। जिसकी खबर हमारे चैनल और समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुई थी। परंतु प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने के कारण अब कॉलोनाइजर के हौसले बुलंद हो गए है। शनिवार को कॉलोनाइजर द्वारा काटे गए पेड़ो के ठूठ भी जेसीबी से निकलवाए जा रहे थे और
प्रशासन खामोश बैठा था
शनिवार को जब पेड़ो को जड़ से निकाला जा रहा था तब भी प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा जबकि गत सप्ताह जब इन पेड़ों को काटा गया था तब यह बात प्रशासन के सभी जिम्मेदारों के संज्ञान में मामला लाया गया था। तब नगर परिषद एवं राजस्व विभाग ने पंचनामा बना कर महज खानापूर्ति कर दी थी। उसके 3–4 दिन बाद जब काटे गए पेड़ो की लकड़ियों का परिवहन किया गया था तब भी इस बात की शिकायत एसडीएम अनिल कुमार जैन एवं वन विभाग के एस डी ओ को की गई थी। तब एसडीएम जैन का जवाब मिला था कि हम अपनी कार्यवाही कर रहे है।वही फॉरेस्ट विभाग के एस डी ओ द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की यहां तक कि उन्होंने यह जांच करवाना भी उचित नहीं समझा कि वाहन का टी पी है या नहीं जवाबदारों की इस अनदेखी के कारण शनिवार को कॉलोनाइजर की मनमानी देखने को मिली। जब उसके द्वारा जेसीबी लगा कर ठूठों को जमीन से निकलवाया जा रहा था इस बात से साफ है कि ऐसे मामलों में शासन के द्वारा बनाए गए नियम सिर्फ खानापूर्ति करने या किसी गरीब के द्वारा किए गए ऐसे कृत्य पर कार्यवाही करने हेतु ही है। बड़े कालोनाइजरों के लिए प्रशासन द्वारा ऐसे नियमों को शिथिल कर दिया जाता है।
*वन विभाग और राजस्व विभाग के बीच सामंजस्य नहीं होने के कारण बच निकलते हे पेड़ काटने वाले*
हरे वृक्षों को काटने वाले वन विभाग और राजस्व विभाग के बीच सामंजस्य नहीं होने के कारण बच निकलते हे क्योंकि जब भी हरे वृक्षों को काटने की खबर वन विभाग को दी जाती हे तो वह कहते हे कि यह राजस्व विभाग का मामला हे और जब राजस्व विभाग को सूचना दी जाती हे वह कहते वनविभाग को सूचना दो जब तक इस बात का फैसला होता हे कि कौन कार्यवाही करेगा तब तक हरा वृक्ष बलि चढ़ जाता हे वृक्ष काटने वाले हो जाते हे फरार फिर बस दिखावा होता हे पंचनामा बनाने का और कार्यवाही करने का
*वनविभाग की लापरवाही से बिना टी पी के होता हे लकड़ी का परिवहन*
कालोनाइजर द्वारा काटे गए हरे वृक्षों की लकड़ी का पंचनामा बनाने के बाद भी कटी हुई लकड़ियों को लोडिंग वाहन में जब भरकर ले जाया जा रहा था तब वनविभाग के एस डी ओ को सूचना दी गई कि लकड़ी का परिवहन बिना टी पी के किया जा रहा हे तब भी बन विभाग ने कोई भी कार्यवाही नहीं की गई इससे यह स्पष्ट हे कि वन विभाग जंगलों में कटने वाले वृक्षों की लकड़ी के परिवहन और उनकी सुरक्षा के प्रति कितने सजग होंगे