दीपक तोमर केसरिया हिंदुस्तान खरगोन जिला ब्योरो चीफ
खरगोन।मध्य प्रदेश निमाड़ अंचल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण आया है, जब क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय, खरगोन को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा यू.जी.सी. अधिनियम, 1956 की धारा 2(एफ) के तहत मान्यता प्रदान कर दी गई है। यह उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय के लिए, बल्कि पूरे निमाड़ क्षेत्र के लिए गर्व और हर्ष का विषय है। इस मान्यता के साथ विश्वविद्यालय अब राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक सभी प्रकार की सरकारी एवं गैर-सरकारी योजनाओं, शोध अनुदानों और छात्रवृत्तियों के लिए पात्र हो गया है। साथ ही यह मान्यता ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी की सदस्यता, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद मान्यता, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद तथा विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ उठाने के द्वार खोलती है।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मोहन लाल कोरी ने कहा कि यह क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 2(एफ) मान्यता मिलने से अब छात्रों को विभिन्न छात्रवृत्तियों और शोध अनुदानों का लाभ मिलेगा। साथ ही उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ भागीदारी करने का अवसर प्राप्त होगा। निमाड़ क्षेत्रवासियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा से ही प्रगति संभव है, यह सिद्ध करने की दिशा में यह एक मजबूत कदम है।
छात्रों के लिए 2(एफ) मान्यता के क्या मायने हैं?
यू.जी.सी. की 2(एफ) सूची में शामिल होने से विश्वविद्यालय के छात्रों को कई प्रकार के लाभ मिलेंगे। जिसमंे विश्वविद्यालय को केंद्र और राज्य सरकारों से शैक्षिक अनुदान एवं शोध परियोजनाओं के लिए फंडिंग मिल सकेगी और विश्वविद्यालय के छात्रों एवं शोधकर्ताओं को उच्च स्तरीय अनुसंधान करने का अवसर मिलेगा। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी विश्वविद्यालय अब विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग कर सकेगा। विश्वविद्यालय को ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी की सदस्यता के माध्यम से अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से अध्ययन और शोध का अवसर मिलेगा। छात्रवृत्ति और शिक्षा ऋण में बढ़ोतरी जिससे छात्रों को विभिन्न राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ मिलेगा एवं बैंक एवं वित्तीय संस्थान अब इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को शिक्षा ऋण प्रदान करने में प्राथमिकता देंगे।वही दूसरी और नियामक संस्थानों से संबद्धता प्राप्त होगी, जिससे विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता प्रमाणित होगी। AICTE और NCTE से जैसे संस्थानों से विश्वविद्यालय में विभिन्न व्यावसायिक, तकनीकी और शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किए जा सकेंगे। यूजीसी के इस पत्र से विश्वविद्यालय की स्वायत्तता में वृद्धि होने के आसार स्पष्ट होंगे और अब विश्वविद्यालय को अपने पाठ्यक्रमों को और अधिक विस्तारित करने, नए पाठ्यक्रम शुरू करने तथा शिक्षण एवं शोध के क्षेत्र में नवाचार करने की स्वतंत्रता मिलेगी।
निमाड़ क्षेत्र के लिए एक बड़ा अवसर
क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय को यू.जी.सी.की धारा 2(एफ) में शामिल किया जाना निमाड़ क्षेत्र के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र अब उच्च शिक्षा के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित होगा। छात्रों को अब उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा अपने ही क्षेत्र में प्राप्त होगी। जिससे उन्हें महानगरों में जाने की आवश्यकता कम होगी। अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन और क्षेत्रवासियों में हर्ष का वातावरण है। चूँकि विश्वविद्यालय को विकसित करने में यू.जी.सी.की धारा 2(एफ) में शामिल होना अति आवश्यक था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस सफलता के लिए मध्य प्रदेश सरकार, शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और सभी संबंधित अधिकारियों का आभार प्रकट किया है।