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तथ्यों को नजरअंदाज कर जमीन की हुई पैमाइश,जमीन हुई कब्जा ,पीड़ित ने A.D.M से लगाई न्याय की गुहार

तथ्यों को नजरअंदाज कर जमीन की हुई पैमाइश,जमीन हुई कब्जा ,पीड़ित ने A.D.M से लगाई न्याय की गुहार 

 

केसरिया हिन्दुस्तान मोहित यादव लव 

 

एटा जिले के अलीगंज के हत्सारी रोड पर करोड़ों रुपए की जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया पीड़ित ने तहसील समाधान दिवस में न्याय की गुहार अपर जिलाधिकारी एटा से लगाई है। पीड़ित विष्णु प्रताप सिंह व विश्वजीत सिंह पुत्रगण मुन्नालाल निवासी मोहल्ला गोविंद दास ने तहसील समाधान दिवस अलीगंज में अपर जिलाधिकारी एटा सत्य प्रकाश सिंह से न्याय की गुहार लगाते हुए प्रार्थना पत्र सौंपते हुए न्याय की गुहार लगाई है। प्रार्थना पत्र में बताया गया की धारा 24 का एक मुकदमा एसडीएम न्यायालय अलीगंज में विचाराधीन था वादी चमन मियां ने एसडीएम अलीगंज से 7 नवंम्बर को अलीगंज बाहर चुंगी के गाटा संख्या 2230/ 0.312 हेक्टेयर की पक्की फेमस का राजनीतिक दबाव से एक पक्षीय आदेश कर लिया गया।एसडीएम ने भी व्यक्तिगत रूप से लेकर 7 नवंबर में मनमाना आदेश पारित कर दिया इसमें तत्कालीन कानूनगो ने ही नियम को ताक पर रखकर मानक के विपरीत कच्ची पैमाइश की रिपोर्ट पेश की। जिस पर अपने अधिवक्ता के माध्यम से तर्क व साक्ष्य प्रस्तुत किया वह पुनः कच्ची पैमाइश करने का निवेदन किया फिर भी न्यायालय से 7 नवंम्बर में पक्की पेमेंट का आदेश पारित कर दिया गया। जिसके अनुसार पटिया गाड़ दी गई। व गाटा संख्या 2230 नंबर का प्रॉपर्टी डीलर राजन वर्मा सुनार ने नियम विरुद्ध दीवाल बनाना शुरू कर दिया। आदेश में केवल पटियां गाड़ने का ही निर्देश था। इस संबंध में एसडीएम ने ना तो कोई बात सुनी और ना ही उसके अधिवक्ता की बात सुनी जबकि तीन बार एसडीएम से लिखित व मौखिक रूप से दीवाल रुकवाने का निवेदन किया गया परंतु निवेदन को ठुकरा कर निर्माण होने दिया उसके साक्ष्य मौजूद हैं। लेखपाल कानून को 9 नवंम्बर में विपक्षी चमन मियां अनुशासन के आधार पर पैमाइश करनी चाहिए लेकिन उन्होंने मनमाने तरीके के अनुसार पैमाइश की जबकि चमन मियां का नक्शा में 136 एयर ज्यादा है। जबकि सही रखवा चमन मियां का 0.312 हैक्टेयर है। और प्रार्थी का गाटा संख्या 2278 था नक्शा में लगभग 0.144 एयर कम है। जिसका नक्शा संशोधन वाद एडीएम अपर के न्यायालय में विचारा धीन है। उस पर भी कोई विचार नहीं किया गया और न्याय प्रिय ढंग से पैमाईश नहीं की गई।

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