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तेज रफ्तार आयशर ट्रक ने बाइक सवार को मारी टक्कर, मौके पर मौत – प्रधान आरक्षक ने दौड़ाकर पकड़ा ट्रक

दैनिक केसरिया हिंदुस्तान 

अनूपपुर। जैतहरी रोड पर आज एक दर्दनाक सड़क हादसे में बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तेज रफ्तार आयशर ट्रक ने बाइक सवार को टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और मौके पर दम तोड़ दिया।

हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार होने की कोशिश करने लगा, लेकिन ड्यूटी पर तैनात प्रधान आरक्षक मनीष सिंह ने तेजी से कार्रवाई करते हुए ट्रक का पीछा किया और उसे पकड़ लिया।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जबकि ट्रक चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

स्थानीय लोगों में रोष
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा गया। लोगों ने मांग की कि सड़क सुरक्षा के नियमों को सख्ती से लागू किया जाए ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।पुलिस की तत्परता से ट्रक चालक गिरफ्तारप्रधान आरक्षक मनीष सिंह की सतर्कता और बहादुरी से आरोपी ट्रक चालक को भागने से पहले ही पकड़ लिया गया, जिससे न्याय की दिशा में तेजी आई है।पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है और आगे की जांच जारी है।यह समाचार पहले से ही काफी स्पष्ट और प्रभावशाली है, लेकिन इसे और अधिक पेशेवर रूप देने के लिए नीचे एक संशोधित संस्करण दिया गया है:

मैडम की दादागिरी से किसान परेशान, बांस व्यापारियों पर हो रही जबरन कार्रवाई

मामला: रेंज ऑफिस बिजुरी, अनूपपुर वन विभाग के बिजुरी रेंज में किसानों और बांस परिवहन करने वाले व्यापारियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। रेंजर मैडम की कथित तानाशाही के चलते किसान और व्यापारी लगातार उत्पीड़न झेल रहे हैं।सूत्रों के अनुसार, सुविधा शुल्क के नाम पर अतिरिक्त पैसे वसूले जा रहे हैं, और जो इसका पालन नहीं करता, उसे नियमों की आड़ में परेशान किया जाता है। हाल ही में एक मामला प्रकाश में आया है, जिसमें बिजुरी रेंज के अधिकारियों द्वारा लगभग दो माह पहले क्लीन चिट दिए गए वाहन को दोबारा पकड़कर जबरन कार्रवाई की गई।

रिश्वतखोरी के आरोप
कहा जा रहा है कि ₹5000 की रिश्वत कम पड़ने के कारण बांस से लदे वाहनों को बार-बार रोककर अनावश्यक दंडित किया जा रहा है। एमपी 18 जीए 4695 नंबर की गाड़ी को पहले डिप्टी साहब द्वारा क्लीन चिट दी गई थी, लेकिन बाद में उसे दोबारा रोककर जबरदस्ती कार्रवाई की गई।

किसानों और व्यापारियों में आक्रोश
इस कथित दादागिरी से किसान और व्यापारी बेहद नाराज हैं। वे मांग कर रहे हैं कि वन विभाग में हो रही इस मनमानी की उच्च स्तरीय जांच हो।जब इस मामले में रेंजर मैडम एवं जांच अधिकारी राजमणि सिंह से सवाल किया गया तो वे स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।सरकार से मांग: मामले की हो निष्पक्ष जांच पीड़ित किसान और व्यापारी शासन-प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।इस तरह की भाषा और संरचना से समाचार अधिक प्रभावी और पेशेवर लगेगा।

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