आशीष शर्मा दैनिक केसरिया हिंदुस्तान
मोरटक्का/सनावद– नर्मदा नदी पर प्रदेश का दूसरा सबसे लंबा नेशनल हाईवे ब्रिज इंदौर ऐदलाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़वाह तहसील के मोरटक्का में बन रहा है। लगभग 7 दशक पुराने जर्जर मोरटक्का पुल के समानांतर 2021 से 146 करोड रुपए की लागत से बनने वाले इस सवा किलोमीटर लंबे सिक्स लेन फ्लाई ओवर की समय सीमा जून 2024 तक निर्धारित रही है , लेकिन ओंकारेश्वर डैम से बिजली बनाने के बाद छोड़ा गया पानी इसके पिलर बनाने में बाधा बन रहा है। फिलहाल इस ब्रिज बनाने वाली गुजरात की मंगलम कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा 56 पिलर पर 56 स्पॉन तैयार करना तथा नर्मदा के बहाव क्षेत्र में आने वाले 4 पिलर व स्पान का काम बाकी होना बताया जाता है। ऐसे में बाकी खड़े पिलर पर स्लैब डालने और वहां रेलिंग लगाने का कार्य किया जा रहा है। भविष्य में इस ब्रिज मे सनातन धर्म की झलक दिखाई देगी ।सर्वविदित है इंदौर खंडवा सड़क मार्ग मे नर्मदा नदी पर स्थित 66 वर्षीय मोरटक्का पुल बारिश की बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुआ था। तब इस एसजीएसआईटी कॉलेज इंदौर के विशेषज्ञ इंजीनियरों द्वारा जांच उपरांत जो रिपोर्ट एनएचएआइ भेजी गई । उसमे इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों का हवाला देकर भारी वाहनों में 22 टन तक के वाहन 6-6 मीटर की दूरी तय करते हुए निकाले जाने की सिफारिश की गई थी। बावजूद यहां रोजाना बड़ी मात्रा में बेलगाम दौड़ते 30 35 तन से अधिक के राखड़ बल्कर जैसे भारी वाहनों को पुल से एंट्री दी जा रही है। जिसके रहते अब एनएचएआइ को अब पुल की आइआरसी मानक मे वितरित भार और बिंदु भार की मानिटरिंग करना जरूरी है। ताकि समानांतर नया पुल बनने तक इस पुल से इंदौर से खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी समेत करीब 5 जिले के वाहनों का आवागमन बना रहे।
प्रदेश का दूसरा सबसे लंबा नेशनल हाईवे ब्रिज
मोरटक्का में नर्मदा नदी पर प्रदेश का दूसरा सबसे लंबा नेशनल हाईवे ब्रिज बन रहा है।। इस हाई लेवल ब्रिज की लंबाई 1275 मीटर यानी करीब सवा किलोमीटर है। ब्रिज की कुल लागत 146 करोड़ रुपए है। कुल 60 पिलर पर 60 स्पॉन से तैयार होना है। ब्रिज के पिलर की नदी में 28-29 मीटर और किनारों पर 12 से 15 मीटर जमीन से ऊंचाई रहेगी। ब्रिज के अप और डाउन ट्रैक पर सड़क की चौड़ाई 16-16 यानी कुल 32 मीटर रहेगी।
मंत्री गडकरी द्वारा स्वीकृत ब्रिज डिजाइन
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा नर्मदा नदी मोरटक्का पर बनने वाले ब्रिज के जिस आकर्षक डिजाइन को स्वीकृती दी है । उसको लेकर कुटुम्बले कंसल्टेंट कंपनी के इंजीनियर श्रीनिवास के बताए मुताबिक मोरटक्का में बनने वाले ब्रिज के पास ही ओंकारेश्वर का पवित्र ज्योतिर्लिंग स्थित है। मां नर्मदा का वाहन मगरमच्छ, ओंकारेश्वर का भौगोलिक आकर, शिव धनुष के ॐ आकार को प्रतीकात्मक रूप में चिन्हित करने वाले रूप को ब्रिज में दर्शाया है। जिसमें चार मगरमच्छ और एक शिव धनुष के आकार के 120 मी लंबे ट्रस ब्रिज पर बनाए जाएंगे। ट्रस गोल आकार के पाइप के होंगे और रोड का भार वहन करने में सक्षम होंगे। मगरमच्छ नर्मदा नदी में विहार करते हुए दृश्य का आभास निर्माण करने का प्रयास है। ब्रिज के दोनों सिरे पर आकर्षक प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। प्रवेश द्वार में माँ नर्मदा का आसन कमल और ॐ प्रदर्शित होंगे। साथ ही द्वार के दोनों किनारों पर झरनों के द्वारा माँ नर्मदा का जल प्रवाहित किया जाएगा।
प्रवेश द्वार पर आकर्षक लाइटिंग, पार्किंग भी
ब्रिज और प्रवेश द्वार पर आकर्षक लाइटिंग भी की जाएगी। प्रवेश द्वार के पास ही प्लाजा बनाया जाएगा। जहां नाश्ते और पार्किंग की सुविधा होगी। यहीं नीचे उतरकर नर्मदा में बोटिंग की सुविधा भी विकसित करने का प्रस्ताव है। इंजीनियर श्रीनिवास मंत्री गडकरी द्वारा दिए सुझाव के अनुसार वाटर स्क्रीन पर माँ अहिल्या के जीवन पर आधारित लाइट एंड साउंड की सुविधा के प्रस्ताव पर भी कार्य होना है।