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निमाड़ उत्सव के दूसरे दिन हुए कुश्ती के हुए रोमांचक मुकाबले रचाई गई आकर्षक मेहंदी, सजाई गई नावें बन रही है आकर्षण का केंद्र

दीपक तोमर महेश्वर केसरिया हिंदुस्तान

महेश्वर। लोकमाता अहिल्या बाई की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर महेश्वर में इतिहासिक आयोजन निमाड़ उत्सव के दूसरे दिन 16 नवंबर को उत्कृष्ठ विद्यालय के मैदान पर कुश्ती के रोमांचक मुकाबले आयोजित किए गए। साथ ही अहिल्या घाट किला परिसर में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उत्कृष्ट विद्यालय के मैदान पर कुश्ती प्रतियोगिता का शुभारंभ नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि गजराज यादव, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, मंडल अध्यक्ष विक्रम पटेल, विक्रम यादव पार्षद एवं केनो सलालम जिला सचिव गौरव यादव, बबलू यादव विकासखंड शिक्षा अधिकारी महेश्वर बसंत वर्मा की उपस्थिति में किया गया। कुश्ती प्रतियोगिता के अंतर्गत अलग-अलग वेट केटेगरी में महिला एवं पुरुष वर्ग के 16 खिलाड़ियों ने सहभागिता की। रोमांचक्कारी मुकाबले में दर्शकों ने खूब तालियां बजाई एवं खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया गया।

कुश्ती प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे

पुरुष वर्ग में 40 से 49 क्रिग्रा वेट केटेगरी में प्रथम स्था पर सचिन केवट, द्वितीय स्थान पर आर्यन धकाते रहे हैं। इसके साथ ही 60 क्रिग्रा वेट केटेगरी में मुकेश बाडुकिया प्रथम एवं महेश ओसारी द्वितीय स्थान पर रहे हैं। 60 किग्रा वेट प्लस ओपन में प्रथम लखन केवट एवं द्वितीय तपन पंवार रहे। महिला वर्ग में 49 वेट केटेगरी में दीपशिखा पटेल प्रथम एवं 50 वेट केटेगरी में हिना मालवीय प्रथम व द्वितीय स्थान पर अक्षरा पंवार रही। प्रतियोगिता में परमजीत बारसे द्वारा रैफरी की भूमिका निभाई गई। कार्यक्रम में जिला खेल निरीक्षक हबीब मिर्जा बेग, खेल विभाग के समन्वयक जितेंद्र हिरवे, पंकज बरडे, नेहा कुशवाह, स्वाति शर्मा, रविन्द्र मिश्रा, संतोष भालसे, राकेश भालसे, निशांत सोनी सहित सैकड़ो की संख्या में दर्शक उपस्थित थे।

आकर्षण का केंद्र बनी हुई है सजी हुई नाव

निमाड़ उत्सव के तहत नौका सच्चा प्रतियोगिता के लिए आठ नौकाओं को आकर्षक रूप से सजाया गया है। किसी नौका के द्वारा बाढ़ नियंत्रण का तो किसी के द्वारा पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। नौकाओं को खूब अच्छी तरीके से सजाया गया था, जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी। कोई नाम डबल डेकर है तो कोई सिंगल डेकर है, किसी में बाढ़ आपदा के समय सुरक्षा के उपकरण सूचित किए गए हैं तो कहीं पर पर्यावरण एवं संस्कृति का स्वरूप दिखाया गया है। सजी हुई नाव में पर्यटक बैठकर खूब सेल्फी लेकर आनंदित हो रहे हैं। निमाड़ उत्सव के दूसरे दिन किला परिसर में आकर्षक मेहंदी रचाई गई।

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