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नौकरी के चक्कर में धाकड़ से बने आदिवासी फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर कमीशन मांग रहे जनपद सीईओ पोहरी

सीईओ शैलेंद्र आदिवासी के खिलाफ सरपंच संघ पोहरी ने खोला मोर्चा लगातार भ्रष्टाचार की हो रही शिकायत है लेकिन अधिकारी नहीं कर पा रहे कार्रवाई

दैनिक केसरिया हिंदुस्तान
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पंचायत पोहरी के जनपद सीईओ शैलेंद्र आदिवासी के खिलाफ सरपंच संघ पोहरी ने खोला मोर्चा लगातार भ्रष्टाचार की हो रही शिकायत है लेकिन अधिकारी नहीं कर पा रहे कार्रवाई हम आपको बता दें कि पोहरी में पदस्थ शैलेंद्र सिंह आदिवासी जो कि अपने आप को आदिवासी कहते हैं जबकि यह जाति प्रमाण पत्र इनका फर्जी है यह बात हम इसलिए कह रहे हैं कि दैनिक केसरिया हिंदुस्तान के पास उनके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जो सिद्ध करते हैं कि शैलेंद्र सिंह आदिवासी धाकड़ परिवार से आते हैं मध्य प्रदेश में अधिनियम के अंतर्गत आदिवासी समुदाय की भूमि को ना खरीदा जा सकता है ना बेचा जा सकता है लेकिन शैलेंद्र सिंह आदिवासी बनकर उन्हें आदिवासियों की जमीन को खरीद लिया गया और उन पर शासकीय भवन बना दिया गया ऐसी कई अनियमिताये हैं जिनकी सरपंच संघ पोहरी लगातार शिकायतें करते आ रहा है लेकिन 15% का कमीशन मांगने वाले जनपद सीईओ पर नहीं होती करवाई यह बात हम इसलिए कह रहे हैं कि संभागीय कमिश्नर के द्वारा कई बार नोटिस देकर जवाब मांगा गया कलेक्टर महोदय ने भी इस बात को मन तहसीलदार के द्वारा प्रमाणित किया कि जाति प्रमाण पत्र सही नहीं है उसके उपरांत भी अपनी अकड़ और अपने आप को हटील दिखाकर अपनी कुर्सी पर जमे शैलेंद्र आदिवासी पर आखिर कब होगी कार्रवाई

सरपंच संघ ने क्या लगाए आरोप
जनपद पंचायत पोहरी के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों के वर्तमान सरपंच होकर जागरूक व जिम्मेदार जनप्रतिनिधि हैं।
यह कि जनपद पंचायत पोहरी में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी शैलेन्द्र सिंह आदिवासी के कार्य एवं व्यवहार से हम प्रार्थीगण को अपनी अपनी ग्राम पंचायतों में विकास/निर्माण कार्यों को क्रियान्वित करना संभव नही हो पा रहा है। विवरण निम्नलिखित अनुसार
1. यह कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी शैलेन्द्र सिंह आदिवासी द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों में मटेरियल भुगतान के ऐवज में सरपंच एवं वेण्डरों से 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की जाती है।
2. यह कि जनमन आवासों में प्रत्येक आवास से 5000/- रू. देने के लिये दबाब डाला जा रहा है।
3. यह कि नंदन फलोद्यान एवं वृक्षारोपण की फाईलों पर सरपंचों से तकीनकी स्वीकृति के लिये 5 प्रतिशत राशि की मांग की जा रही है।
4. यह कि मटैरियल भुगतान (बिल पेमेंट) शासन के नियमों व गाईड लाईन के अनुसार न करते हुए स्वेच्छाचरितापूर्वक किया जा रहा है।
5. यह कि जनपद पंचायत पोहरी के अन्तर्गत आदिवासियों को रूपयों का लालच देकर उनकी कृषि भूमियों की रजिस्ट्री स्वयं के नाम करवायी जा रही है। सर्वे नं. 94 स्थित ग्राम मड़खेड़ा की भूमि को
यह कि सरपंचों को डराया धमकाया जा रहा है कि यदि मेरी बात नहीं, मेरे अनुसार कमीशन नहीं दिया या कहीं शिकायत की तो हरिजन एक्ट के केस में फंसा दूंगा, सरपंची भुला दूंगा जेल भिजवा दूंगा।
इसी प्रकार शैलेन्द्र सिंह आदिवासी द्वारा स्वयं के नाम करवाया है तथा उसमें सामुदायिक भवन निर्मित करवा लिया गया है।
, शैलेन्द्र सिंह आदिवासी के सी०ई०ओ० जनपद पंचायत गोराचाद पोहरी पदस्थ रहते हम प्रार्थीगण को अपनी अपनी ग्राम पंचायतों में सरपंच हरई चहुंमुखी विकास कार्य करवाना संभव नहीं हो पा रहा है।

सरपंच संघ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पोहरी शैलेन्द्र सिंह आदिवासी के अत्यंत अनुचित कार्य एवं व्यवहार के चलते अन्यंत्र स्थानान्तरित करवाये जाने का कष्ट करें। हम
यह आप पहरी सरपंच संग ने लगाया है और कहा है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हम लोग आंदोलन आत्मक कार्रवाई करेंगे ऐसे में पोहरी का चौमुखी विकास अधूरा है जल्द इस पर सांसद ग्वालियर क्या कहते हैं हमारी टीम उनसे बात कर आगे चर्चा करेंगे ओर बताते रहेंगे

सरपंच संघ पोहरी

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