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परमात्मा की आराधना के साथ करें परहित के कर्म- मोहनानंद सरस्वती

दैनिक कैसरिया हिंदुस्तान रिपोर्टर संतोष सिंह चौहान

परमात्मा की आराधना के साथ-साथ करें परमार्थ के कार्य यह बात सप्त दिवसीय शिव महापुराण की कथा के कार्यक्रम में श्रद्धालुओं को कथा सुनते हुए राष्ट्रीय संत महामंडलेश्वर स्वामी मोहनानंद सरस्वती ने कहीं उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन में जाने अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते है।उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही एक मात्र मुक्ति पाने का उपाय है।उन्होंने कहा कि व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध,लोभ,मोह,हिंसा,आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। परोपकार और दुखी प्राणियों की यात्रा संभव सेवा करना चाहिए दीन दुखियों नहीं परमात्मा विद्यमान है परोपकारी व्यक्ति पर ईश्वर की कृपा बरसती है

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