भूपेंद्र सिंह दैनिक केसरिया हिंदुस्तान
डॉ. सोनल अग्रवाल पर लापरवाही पूर्वक ऑपरेशन करने का आरोप, हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने खड़ा कर दिया था हाथ
शहर के नया बस स्टैंड के समीप स्थित प्रार्थना हॉस्पिटल में एक और प्रसूता की जान चली गई है। आरोप है कि डॉ. सोनल अग्रवाल ने ऑपरेशन में लापरवाही बरती, जिससे प्रसूता की मौत हो गई। बहरहाल इस मामले को लेकर पीड़ित पक्ष ने समान थाना पहुंच कर मंगलवार को शिकायत दर्ज कराया है। साथ ही कहा है कि कार्रवाई नहीं हुई तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जायेगा।
शिकायत लेकर समान थाना पहुंचे पीड़ित अरुण सिंह बिसेन पुत्र रामानंद सिंह 59 वर्ष निवासी पड़रा रीवा ने बताया कि उनकी बहू अंजली सिंह गर्भवती थी। जिसका उपचार प्रार्थना हॉस्पिटल में डॉ. सोनल अग्रवाल द्वारा किया जा रहा था। जांच के दौरान शुरुआत में डॉ. सोनल अग्रवाल ने डिलिवरी डेट 22 फरवरी बताया था। लेकिन जब अंजली को परिजन 4 फरवरी को चेकअप के लिये प्रार्थना हॉस्पिटल ले जाया गया तो डॉ. अग्रवाल ने भर्ती कर लिया। इसके बाद उसे कुछ दवाईयां दी गई, जिससे अंजली की हालत बिगड़ गई। ब्लड प्रेशर लो हो गया और खांसी आने लगी। इसके बाद डॉ. सोनल अग्रवाल पहुंची और अंजली को सीधे ऑपरेशन थिएटर में ले गई। जहां ऑपरेशन किया गया। इस दौरान बच्ची ने जन्म लिया। अस्पताल स्टाफ परिजनों से बताया कि बच्ची पैदा हुई है, अंजली भी ठीक है, लेकिन उसे अभी ओटी में ही रखना पड़ेगा। कुछ देर बाद रात करीब 11 बजे बताया गया कि अंजली की हालत बेहद नाजुक है। ब्लीडिंग होने की वजह से हालत बिगड़ती जा रही है। इसे दूसरे अस्पताल ले जाना होगा। लिहाजा परिजन आनन-फानन में जबलपुर के सेल्वी हॉस्पिटल ले गये। जहां एक सप्ताह बाद यानी 14 फरवरी को अंजली की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉ. सोनल अग्रवाल के द्वारा लापरवाही पूर्वक किया गये ऑपरेशन की वजह से ही अंजली की हालत बिगड़ी और उसकी जान चली गई।
पूर्व में भी हो चुकी हैं घटनाएं
प्रार्थना हॉस्पिटल में यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व भी कई मरीजों की जान यहां चिकित्सकों की लापरवाही के कारण जा चुकी है। जिसकी शिकायत भी पुलिस समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से की गई है। कई बार अस्पताल में परिजनों ने इसी रवैये के चलते हंगामा भी किया है। लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। जिसके चलते अस्पताल प्रबंधन व वहां तैनात चिकित्सकों के हौसले बुलंद हैं।
निकाल दिया था यूट्रस
परिजनों ने बताया कि जब वह अंजली को सेल्वी हॉस्पिटल जबलपुर लेकर पहुंचे तो वहां के चिकित्सकों ने जांच किया और मौखिक रूप से बताया कि अंजली का यूट्रस निकाल दिया गया। जिसकी वजह से अत्यधिक ब्लीडिंग हो गई है। नश भी कट गई है। ऐसे में उसे बचाना मुश्किल है। लिहाजा परिजनों ने डॉक्टरों के कहने पर 22 यूनिट ब्लड की व्यवस्था भी की, लेकिन उसकी जान नहीं बचायी जा सकी।