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रिश्वत के बदले गाय लेकर पहुंचने का मामला, एसडीएम ने जारी किया बयान, कहा- 1 साल पहले दिया था स्थगन आदेश, पटवारी से काम रुकवाया

 

दैनिक केसरिया हिंदुस्तान
मनोज सिंह/जिला ब्यूरो

टीकमगढ़। जिले के बलदेवगढ़ तहसील में गुरुवार को एक अजीब घटना देखने को मिली, जब एक महिला अपनी पालतू दुधारू गाय लेकर एसडीएम कोर्ट पहुंची और अधिकारियों से रिश्वत देने का अनोखा तरीका अपनाया. महिला ने कहा, “मेरी गाय बेचकर आप लोग रिश्वत के पैसे बंट लेना, लेकिन मेरी जमीन पर जो कब्जा किया जा रहा है, उस पर स्थगन दे दो”
“पहले पैसे लाओ, फिर काम होगा”
यह मामला केलपुरा गांव की राम कुंअर लोधी से संबंधित है, जिनकी जमीन पर दबंग प्रमोद तिवारी द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है. जमीन का खसरा नंबर 1021/6/1 है, और यह छतरपुर-बल्देवगढ़ हाईवे पर स्थित है. महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस थाने में शिकायत करने पर उन्हें भगा दिया गया और कहा गया कि पहले पैसे लाओ, फिर काम होगा. हाईवोल्टेज ड्रामा किया
इस घटना ने मौके पर सैकड़ों लोगों को आकर्षित किया, जो महिला के इस साहसिक कदम को देखने आए. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक अनियमितताओं के खिलाफ इस तरह का कदम उठाना आवश्यक है. जब महिला बल्देवगढ़ एसडीएम कोर्ट पहुंची, तो वहां से 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की गई. महिला ने बताया कि उसे लंबे समय से रिश्वत के लिए परेशान किया जा रहा था. इसके बाद उसने अपनी गाय को कोर्ट के बाहर बांधकर एक घंटे तक हाईवोल्टेज ड्रामा किया. महिला ने कहा, “यह मेरी सम्पत्ति है, जिसे मैं लेकर आई हूं. इसे बेचकर आप अपनी रिश्वत ले लेना, लेकिन मेरी जमीन का स्टे दे दो.” टीकमगढ़ जिले के बलदेवगढ़ तहसील में हलचल मच गई. महिला ने आरोप लगाया कि अगर स्थगन 15 दिन बाद लेना हो, तो पैसे नहीं लगेंगे, लेकिन तत्काल स्थगन के लिए 50 हजार रुपये की मांग की गई है. महिला बोली- बिना पैसे के कोई बात नहीं होती ।
महिला ने कहा कि तहसील और एसडीएम ऑफिस में बिना पैसे के कोई बात नहीं होती. हालांकि, बलदेवगढ़ की एसडीएम, भारती मिश्रा ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि महिला और उसके परिजनों के आवेदन पर नौ महीने पहले स्थगन दिया गया था, जिसके अनुसार विवादित जमीन पर कोई निर्माण नहीं होगा. महिला ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में गुमराह कर रही है और उन्हें सही जानकारी नहीं दी जा रही. उन्होंने कहा कि पुलिस को इस निर्माण पर रोक लगानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.
सैकड़ों लोगों का ध्यान खींचा
इस मामले ने सरकारी दफ्तर के बाहर खड़े सैकड़ों लोगों का ध्यान खींचा, और स्थानीय समुदाय ने महिला के साहस की प्रशंसा की. प्रशासन के इस मुद्दे पर अब भी बहस जारी है, और महिला ने अपने अधिकारों के लिए खड़े होकर एक नई मिसाल कायम की है.
महिला के आरोपों को SDM ने बताया निराधार
इस मामले पर जब वॉइस ऑफ राइट ने भारती मिश्रा ( SDM) बलदेवगढ़ से बात की, तो उन्होंने महिला के आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया. उन्होंने कहा कि स्थगन पूर्व में जारी कर दिया गया था. इसलिए फिर से जारी करना उचित नहीं है. वो महिला मेरे पास आई थी, मैंने तहसीलदार को जांच के आदेश दिए हैं. तहसीलदार जांच कर रहे हैं. जांच के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी हम उस पर कार्रवाई करेंगे.

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