दैनिक केसरिया हिंदुस्तान अंकित ठाकुर की रिपोर्ट
तहसील सतवास के नगर लोहारदा के कोटखेड़ा प्राइमरी स्कूल में अवलोकन करने पहुंचे जयस छात्र संगठन संभागीय प्रभारी धर्मपूर्वी कृष्णा मर्सकोले स्कूल के प्राचार्य मिश्री लाल नर्रे के साथ मिलकर पहली से पांचवीं के बच्चों से मुलाकात की सभी बच्चों ने अपनी–अपनी कक्षा के अनुसार अपनी पढ़ाई केसे चल रही है उसके बारे बताया ,किसी ने बीजांक निकालकर बताया ,किसी ने अंग्रेजी की किताब में से कविता पढ़ कर बताया,किसी ने जोड़–घटाव, गुणा–भाग,गिनती–पहाड़ा, बताया ,इन सब में पहली के बच्चों का स्तर बहुत अच्छा था,पहली कक्षा में पढ़ रहे नन्हे मुन्ने बच्चों ने अभिवादन करते हुए अतिथि गीत गाकर स्वागत किया ,साथ ही सामान्य ज्ञान की कई सारी बातें बताएं जिस की स्कूल में पहुंचे सभी लोग मंत्र मुक्त हो गए । बच्चों से ओर चर्चा करने पर पता चला कि ये सब उनके शिक्षक घनश्याम जी गुप्ता की कड़ी मेहनत और लगन का प्रतिफल है घनश्याम गुप्ता जी के कार्य काल में बहुत ही अच्छी पढ़ाई हो रही है वे
बच्चों का शिक्षा स्तर सुधारने के लिए और स्कूल में स्वचालित व्यवस्थाओं में सुधार के लिए बहुत ही लग्नशील और मेहनती हैं व अलग से समय देने का प्रयास करते है और वो 2015 से कोटखेड़ा प्राइमरी स्कूल में पदस्थ हैं 2015 के पहले कोटखेड़ा प्राइमरी स्कूल की व्यवस्थाएं व पढ़ाई का स्तर बहुत ही खराब था।घनश्याम जी गुप्ता के आने से बच्चों की पढ़ाई में बहुत सुधार आया है आज के समय में कक्षा पहली के बच्चों को हिंदी अंग्रेजी और गिनती पहाड़े पढ़ना आते है और उनके परिवार वाले भी स्कूल की पढ़ाई से संतुष्ट है परिवार जनों का कहना है कि यहां पर कक्षा पहली से ही बच्चों की न्यू मजबूत करते हैं ताकि बच्चा शिक्षा के क्षेत्र में कहीं से कहीं ना रुके उदाहरण के लिए मकान की जितनी न्यू मजबूत होती है वही मकान अक्सर तूफान में टिकते हैं और घनश्याम गुप्ता सर आने के बाद से स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ोतरी हुई है। साथ ही सतवास तहसील के अंदर सबसे अच्छा स्कूल कोटखेड़ा के प्राइमरी स्कूल को बताया जिसमें शिक्षक समय से आते हैं साथ ही बच्चों की शिक्षा के सुधार के लिए नए-नए प्रयास शिक्षकों द्वारा किए जाते हैं जिसमें घनश्याम जी गुप्ता के अहम भूमिका रहती है।
शिक्षक के बारे में हमने बच्चों से पूछा
तब बच्चों ने शिक्षक के बारे में बताया
1 ) बच्चों का पढ़ाई में रुचि लाना।
2) कमजोर छात्र पर ध्यान देना ।
3) छात्रों के समस्त समस्या व सवालो का जवाब देना ।
4) सभी छात्रों में समान व्यवहार करना
5) सरल से सरल शब्दों में बच्चों को समझाना
6) स्टूडेंट को खेल व अन्य गतिविधियों के लिए प्रेरित करना इस तरह बच्चों ने बताया।
साथ ही दुखी मन से यह भी बताया कि घनश्याम जी गुप्ता का किन्हीं कारणों से अन्य किसी जगह ट्रांसफर होने जा रहा है ऐसे में हमारी की पढ़ाई में का क्या होगा ।
बच्चों ने आखिर में कहा कि सर का जाना हमे अच्छा नहीं लग रहा है,कृपया कर के आप हमारी मदद करें और सर यही पर रोक लेवे। परिवार के लोगों का भी यही कहना है,बच्चों की बात सुनकर कृष्ण मर्सकोले ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी बात को वह गंभीरता से लेंगे और सर को कहीं भी नहीं जाने देंगे। और उच्च अधिकारी से इस मामले लेकर बात करेंगे।