आशीष शर्मा दैनिक केसरिया हिंदुस्तान
सनावद- नलवा-दसोडा़ मार्ग के छीमरीखेड़ा हनुमान मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन गुरूवार को कथा वाचक पंडित दिनेश शर्मा ने गोवर्धन पूजा के साथ भगवान को छप्पन भोग लगाया गया। भगवान श्री कृष्ण की गोवर्धन लीला का वर्णन किया।उन्होंने कहा कि कृष्ण की लीला थी कि इंद्र को भी मजबूर कर दिया, उनके ओर से अपनी लीला से जगत का ना सिर्फ पालन किया गया, बल्कि जगत को जीवन जीने की कला भी सिखाई और आज श्रीमद् भागवत में जीवन का सार सम्माहित है। वहीं भागवत को सुनने और समझने की आवश्यकता है, इससे जीवन में परेशानी और कठिनाई दूर हो जाती है।भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मान नष्ट करके गिर्राज पूजा कराई थी। तब सभी बृजवासियों ने गोवर्धन पहुंचकर गोवर्धन पर्वत का पूजन किया और 56 भोग लगाया। उन्होंने कहा कि आज भी वृदांवन में बांके बिहारी को दिन में आठ बार भोग लगाया जाता है। पूरे सात दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भूखे प्यासे गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। पंडित शर्मा ने कहा कि इस भोग से मन के विकार दूर होते हैं। मन की शुद्धि होती है। भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए किसी ना किसी रूप में प्रकट होते है।उन्होने कहा कि जिस घर में सुमति अर्थात पूरा परिवार मिलकर रहता है, उस घर में लक्ष्मी का वास होता है।सुमति संत के संगति व भक्ति भावना एवं निष्ठापूर्वक कर्म करने से आता है। जिस प्रकार एक बार भोजन कर लेने से, एक बार सांस ले लेने से काम नहीं चल सकता है, उसी प्रकार एक बार कथा सुनने से काम कैसे चल सकता है उन्होंने कहा कि कथा एक संस्कार है, यह ईश्वर की कृपा है, जिसे बार-बार सुनने के बाद जीवन में ईश्वर की कृपा बरसने लगती है। शांति की प्राप्ति होती है। शालीनता, सादगी, विनम्रता आती है। इस दौरान आयोजन समिति के द्वारा कथा पंडाल में गोवर्धन पूजा करने के साथ ही वहां भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाकर आरती भी की गई। इस दौरान राधेश्याम चौधरी सुखदेव शाह कमलेश मुछाला गबु सनावद ग्रामीण मंडल अध्यक्ष सोहन यादव,गुरूदयाल सेजगायां पदम बिरला सहित बड़ी संख्या मे श्रद्धालु उपस्थित थे।