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सड़क हादसे में युवक की दर्दनाक मौत,हादसे के बाद युवक का शरीर क्षत-विक्षत, फिर भी धड़कनें चलती रहीं,जिला अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी, सिर्फ एक ड्यूटी डॉक्टर ने संभाला मोर्चा

दैनिक केसरिया हिंदुस्तान 

दमोह: महाशिवरात्रि के पर्व पर बाबा बांदकपुर के दर्शन कर लौट रहे गजेंद्र पिता महराज सिंह लोधी 30 वर्षीय निवासी मोहाली,थाना रहली की दर्दनाक सड़क हादसे में मौत हो गई। युवक समन्ना वायपास के पास गाड़ी MP 15 BA 3548 रोककर नीचे उतरा ही था कि अचानक एक अज्ञात ट्रक उसे कुचलता हुआ निकल गया।

*दर्दनाक मंजर:* हादसे के बाद शरीर क्षत-विक्षत, फिर भी सांसें चलती रहीं इस भीषण हादसे में घायल युवक की हालत अत्यंत दयनीय हो गई थी। एक पैर शरीर से पूरी तरह अलग हो चुका था, और शरीर गंभीर रूप से क्षत-विक्षत था, लेकिन इसके बावजूद उसकी सांसें और धड़कन काफी समय तक चलती रहीं। मौके पर मौजूद लोग इस दर्दनाक दृश्य को देखकर भी स्तब्ध थे। घटना के बाद श्रद्धालुओं और युवक के मित्रों ने तुरंत एंबुलेंस सेवा को कॉल किया, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित 108 एंबुलेंस सेवा नदारद रही। मजबूरी में उसे निजी वाहन से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

दर्जनों की संख्या में सड़क हादसों के मरीज आए

ड्यूटी डॉक्टर आरिफ खान के मुताबिक,महाशिवरात्रि की रात जिला अस्पताल में सड़क हादसों में दो दर्जन से अधिक सड़क हादसे में घायल मरीज अस्पताल पहुंचे इनमें से एक दर्जन गंभीर रूप से घायल मरीजों को भर्ती किया गया। बाकी मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।ड्यूटी डॉ. ने घायल की गंभीर हालत देखते हुए घायल युवक को जबलपुर रेफर कर दिया था। लेकिन जिला अस्पताल से तीन अलग-अलग नंबरों से 15 बार कॉल करने के बावजूद भी 108 एंबुलेंस सेवा का कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।

*अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी*: अस्पताल में केवल एक ही डॉक्टर पूरी आपातकालीन व्यवस्था संभालता दिखा, जिससे साफ जाहिर होता है कि स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां पूरी तरह नाकाफी थीं। यदि 108 एंबुलेंस सेवा समय पर पहुंचती और अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होतीं, तो शायद युवक की जान बचाई जा सकती थी। अनदेखी प्रशासन की स्वास्थ्य सुविधाओं पर
महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया था, लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त नजर आईं। देर रात तक दो दर्जन से अधिक सड़क हादसे जिला अस्पताल पहुंचे। इनमें से एक दर्जन गंभीर रूप से घायल मरीजों को भर्ती किया गया, जबकि बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। जिले में तीन बड़े आयोजनों की संभावना थी, फिर भी स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नहीं दिया गया।

युवाओं ने प्रशासन को घेरा,जनप्रतिनिधियों पर उठाए सवाल

दमोह के जागरूक युवा श्री शर्मा ने इस हादसे को लेकर प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि दमोह जिले के जनप्रतिनिधि और नेता सिर्फ फोटो सेशन में व्यस्त रहते हैं, लेकिन जनता की असली परेशानियों पर ध्यान नहीं देते। सोशल मीडिया पर बड़े-बड़े दावे करने वाले जनप्रतिनिधि और अधिकारी जमीनी हकीकत से बेखबर हैं। इस घटना के बाद से लोगों में गहरा आक्रोश है,और वे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की मांग कर रहे हैं। इस हादसे ने एक बार फिर जिला अस्पताल की लचर व्यवस्था,108 एंबुलेंस सेवा की विफलता और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी को उजागर कर दिया है।

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