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31 हजार झिलमिलाते दीपकों से सजा मां नर्मदा का आंचल, पंच प्रण के संकल्प को साकार कर मनाया दीप पर्व महोत्सव, आकर्षक आतिशबाजी, विद्युत साज सज्जा ने बढ़ाई घाट की सौंदर्यता,

दीप पर्व महोत्सव

दैनिक केसरिया हिंदुस्तान दीपक तोमर

मंडलेश्वर: मध्यप्रदेश की अयोध्या, मंडन मिश्र की नगरी मंडलेश्वर थीम पर आधारित दीप पर्व महोत्सव गुरुवार को मनाया गया। इस अवसर पर 31 हजार दीपकों से मां नर्मदा के आंचल को सजाया गया। देर शाम अंधेरा बढ़ने के बाद चंद्रमा की मध्यम रोशनी एवं दीपकों के प्रकाश में मां नर्मदा के घाट का सौंदर्य अलग ही छटा बिखेर रहा था। उक्त जानकारी देते हुए दीप उत्सव समिति के सदस्य सचिन पाटीदार, अनिरुद्ध हलवे ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि झिलमिलाते दीपकों के साथ आकर्षक विद्युत साज सज्जा में मां नर्मदा का घाट अलग ही रूप में दिखाई दे रहा था। मां नर्मदा के बीच से की गई आतिशबाजी ने दीप पर्व महोत्सव में आए श्रद्धालुओं को बांधे रखा। घाट के पश्चिमी हिस्से में बने मंच पर सम्पन्न सांस्कृतिक आयोजन भी इस दीप पर्व महोत्सव के आकर्षण का केंद्र रहे। सांस्कृतिक आयोजन के पूर्व समीपस्थ ग्राम गुलावड़ के रामदास जी महाराज एवं लाड़वी के द्वारकादास जी बापू के सानिध्य में मां नर्मदा की काकड़ आरती की गई। जिसमें नगर का सकल सनातन समाज उपस्थित रहा।

रंग बिरंगी रंगोलियों में साकार हुए पंच प्रण के संदेश:
समिति के सदस्य भूपेंद्र चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर पंच प्रण के संदेश देश जनता को दिए थे। इन पंच प्रण को दीप पर्व महोत्सव में बनी रंगोलियों ने सार्थक किया। सनातन समाज के धार्मिक चिन्ह, अयोध्या स्थित राम मंदिर, अखंड भारत, लोकमाता अहिल्याबाई होलकर, बिरसा मुंडा एवं गुरु गोविंद सिंह के दोनों छोटे पुत्र, जिन्हें जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया था, की बनी सदृश्य रंगोलियों ने पंच प्रण का संदेश दिया। ज्ञात हो कि मोदी जी द्वारा दिए गए पंच प्रण में पहला, बड़े संकल्पों और “विकसित” भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ना, दूसरा, गुलामी के सभी निशान मिटाना, तीसरा, अपनी विरासत पर गर्व करना; चौथा, हमारी एकता की ताकत और पांचवां, नागरिकों के कर्तव्य थे। इन पंच प्रण का उद्देश्य देश में सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण एवं नागरिक कर्तव्य का निर्वहन जैसे पांच आयामों को सकल समाज की मानसिकता पर लागू करना है।

भव्य आतिशबाजी एवं आकर्षक विद्युत साज सज्जा ने बढ़ाई घाट की सौंदर्यता:
31 हजार झिलमिलाते दीपकों से घाट का श्रृंगार और उस पर आकर्षक विद्युत साज सज्जा एवं भव्य आतिशबाजी जैसे सोने पे सुहागा साबित हुआ। उक्त जानकारी देते हुए मनोज शर्मा एवं नितिन पाटीदार ने बताया कि दीपकों की झिलमिलाती रोशनी, लेजर लाइट, भगवा ध्वज एवं आतिशबाजी का मिश्रण से घाट का अनुपम सौंदर्य निखर कर सामने आया। उसके उपरांत जब 51 हजार दीपकों का मां नर्मदा में दीप दान की श्रृंखला बनी तो आकाशीय चित्र में चहूं ओर दीपक और विद्युत सज्जा ही दिखाई दे रहे थे।

सकल सनातन समाज का रहा विशेष योगदान:
गोलू पाटीदार एवं संदीप हिरवे ने जानकारी देते हुए बताया कि इस आयोजन के नगर के युवा वर्ग एवं मातृशक्ति का विशेष योगदान रहा। रंगोली बनाना, दीपक सजाना, तेल भरना, दीपक प्रज्वलन में सनातन समाज के विशेषकर नगर के युवा वर्ग एवं मातृशक्ति का विशेष योगदान दीप पर्व महोत्सव को नगर के सकल सनातन समाज के सामूहिक प्रयास का संदेश देता है।

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