अखंड प्रताप सिंह की रिपोर्ट
शहडोल। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक शासकीय कार्यालय एवं शासन की कई विभागों में अनीमितता एवं भ्रष्टाचार की कहानी देखी व सुनी थी लेकिन प्राइवेट उद्योग निजी कंपनियां में भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वालों के पुनर्जन्म हो चुके हैं सूत्रों का कहना है कि ओरिएंट पेपर मिल कागज कारखाना अंतर्गत सिविल विभाग एवं उद्योग के अन्य प्लांट एवं विभागों में भी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की इबारत लिखी जा रही है जिसमें सिविल विभाग के पूर्व अधिकारी आर के पटेल जिनके कार्यकाल में उद्योग के अंदर और बाहर किए जाने वाले कार्य चाहे वह निर्माण को लेकर हो या फिर डिस्मेंटल मेंटेनेंस पाइपलाइन या अन्य कार्य बड़ी मजबूती एवं ईमानदारी से किए जाते थे और ठेकेदार अपनी हक ही कमाता था। किंतु वर्तमान में ओरिएंट पेपर मिल के सिविल विभाग में पदस्थ सिविल के अधिकारी के द्वारा उद्योग के अंदर ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को टेंडर के माध्यम से कार्य प्रदान करने वाले अधिकारी स्वयं कमीशन खोरी की गिरफ्त में ओरिएंट पेपर मिल प्रबंधन को लाखों का चूना लगाते हैं और निर्माण एवं मेंटेनेंस के नाम पर मटिया गर्ग कर रहे हैं।
ओरिएंट पेपर मिल उद्योग के अंदर और बाहर काम करने वाले ठेकेदारों के पांचो उंगली घी में और सर कढाही में है इनके द्वारा बंद लिफाफे और मिठाई के डिब्बे उपहार स्वरूप प्रदान करने के बाद जिन्हें उद्योग के द्वारा उनके क्रियाकलाप एवं कार्यप्रणाली को देखते हुए ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया था उन्हें अब की स्थिति में उद्योग के अंदर के सभी कार्य चाहे वह निर्माण कार्य हो मेंटेनेंस कार्य हो या मजदूरों की सप्लाई या फिर कहे तो उद्योग के अंदर प्लांट में अकुशल मजदूर के माध्यम से कार्य करना फिर शासन के मनसानुसार निर्धारित वेतनमान मूल्य दर ना देते हुए उनके भविष्य निधि और राज्य कर्मचारी बीमा सहित इंश्योरेंस आदि के पैसे भी हजम कर लिए जाते हैं फिर भी उद्योग के यह मटिया गर्ग अधिकारी अपनी मेहरबानियां की बरसात करते नजर आ रहे हैं और ऐसे ठेकेदारों को ठेका कार्य प्रदान कर अपनी वाह वाही के साथ तगड़ा कमिशन खा रहे हैं।