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रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जटिल होने के कारण क्षेत्र के किसानों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा ,सीसीआई को कपास नही बेच पा रहे हैं। 

आशीष शर्मा दैनिक केसरिया हिंदुस्तान
सनावद-कपास विक्रय रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जटिल होने के कारण क्षेत्र के कपास उत्पादक किसानों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रजिस्ट्रेशन के अभाव में बड़ी संख्या में किसान अपना कपास भारतीय कपास निगम (सीसीआई) को नहीं बेच पा रहे हैं। विवश होकर किसानों को अपना कपास अन्य व्यापारियों को बेचना पड़ता है। इस कारण किसानों को उनकी कपास की उपज का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। इस समस्या के समाधान  हेतु सनावद विकास संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने गत दिवस बड़वाह में खरगोन जिला कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को ज्ञापन सौंपा और कपास विक्रय हेतु रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरल बनाने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि भारतीय किसान निगम द्वारा किसानों का कपास बिक्री करने हेतु रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। लेकिन  रजिस्ट्रेशन से लेकर बिल बनने तक भूमि स्वामी कृषक की निगम के कार्यालय में उपस्थिति आवश्यक है। ज्ञापन में बताया गया है कि सामान्यतः किसानों की कृषि भूमि घर के बुजुर्गों या महिलाओं के नाम पर दर्ज होती है। ऐसी स्थिति में 60 वर्ष आयु से ऊपर वाले वृद्ध,महिला अथवा बीमार भूमि स्वामी किसानों को अपनी कपास की उपज बेचने के लिए पूरा दिन लगता है। वृद्ध,महिला अथवा बीमार भूमि स्वामी किसान कृषि उपज मंडी तक नहीं पहुंच पाते हैं।  ऐसी स्थिति में वृद्ध,महिला और बीमार किसानों को 400 से 500 रु प्रति क्विंटल कम दाम पर अपना कपास बेचना पड़ता है या अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ज्ञापन में मांग की है कि भारतीय कपास निगम द्वारा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना चाहिए और अन्य फसलों के रजिस्ट्रेशन की तरह पंचायत,सेवा सहकारी समिति अथवा कृषि उपज मंडी में कपास विक्रय हेतु रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जानी चाहिए। क्योंकि बड़ी संख्या में किसान 40 से 50 किलोमीटर दूर से भी अपनी उपज बेचने आते हैं। ऐसी स्थिति में वृद्ध,महिला और बीमार अथवा महिला कृषकों व्यक्तियों के लिए महिलाओं को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान समिति के डॉ.राजेंद्र पलोड़,ओम बंसल,राकेश गहलोत, अर्पित कानूनगो,लक्ष्मीकांत राठी,भूपेंद्र चतुर्वेदी, बंटी सोलंकी आदि उपस्थित थे।
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