आशीष शर्मा दैनिक केसरिया हिंदुस्तान
सनावद-हाईवे से खरगोन मार्ग को जोड़ने वाले बायपास की निर्माण के बाद से कंपनी व नगर पालिका ने सुध नहीं ली है। अब यह मार्ग अतिक्रमण का शिकार हो रहा है। इस दिशा में ना तो नपा ध्यान दे रही और ना ही राजस्व विभाग। हालात यह है कि लोग जर्जर मार्ग से ही आवागमन को मजबूर है। इस मार्ग के निर्माण से लोगों को शहर के बजाय सीधे खरगोन रोड से हाईवे पर जाने की सुविधा मिली थी लेकिन मार्ग की हालत खराब होने से लोग अब शहर से होकर जाना ज्यादा पसंद करते हैं। इससे शहर में वाहनों का आवागमन फिर बढ़ने लगा है। जबकि शहर के मुख्य मार्ग से भारी वाहनों का आवागमन ना हो व लोगों को आवागमन में सुविधा हो इसके लिए ही वर्ष 2013-14 में बायपास का निर्माण किया गया था। वर्तमान में कृषि उपज मंडी परिसर में प्राचीन मेले की शुरुआत हो चुकी है। बाहर के दुकानदार यहां पहुंच चुके हैं। पूरे दिन मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। मंडी में कपास सहित अन्य उपज की खरीदी-ब्रिकी के लिए छोटे-बड़े वाहन पहुंच रहे हैं। इस खस्ताहाल मार्ग के चलते वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिनभर धूल उड़ती रहती है। कई बार गड्डों के कारण वाहनों के एक्सल टूट रहे हैं। कुछ ही दिनों में मेला अपने पूरे शबाब पर होगा। इसके बाद सुबह से रात तक बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही भी बढ़ जाएगी।
2 करोड़ रुपए से बनाई थी 7 मीटर चौड़ी सड़क
करीब 2 करोड़ रुपए से बायपास के सीसी रोड व नाली का निर्माण किया गया था। करीब 7 मीटर चौड़ी सड़क बनाई गई थी। ठेकेदार को निर्माण के बाद 3 साल की गारंटी भी दी गई थी। लेकिन निर्माण के बाद से मार्ग पर ना तो पेंचवर्क किया गया ना ही मार्ग का डामरीकरण किया गया। इसके कारण पूरा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। कई स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं। कई जगह सीसी रोड उखड़ गया है। ऐसे में बड़े सहित छोटे वाहन चालक यहां से सफर करने के बदले शहर से होकर गुजरते हैं। बायपास के रहवासियों ने बताया कि सीसी रोड निर्माण को करीब 11 साल हो गए है। बायपास होने से बड़ी संख्या में भारी वाहनों के साथ छोटे वाहन गुजरते हैं। सीसी रोड होने के चलते इसकी गुणवत्ता अच्छी होनी थी, लेकिन निर्माण के बाद से ही मार्ग कई हिस्सों में उखड़ने लग गया। गड्ढे व जर्जर मार्ग के कारण लोग दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। इस संबंध में कई लोगों ने नगर पालिका को शिकायत कर मार्ग को दुरुस्त करने की मांग की थी। पूर्व में खरगोन जाने के लिए इसी मार्ग से यात्री बसें जाती थी, लेकिन अब इस मार्ग का उपयोग नहीं किया जाता।
बायपास से बड़ी संख्या में आवागमन
दो हिस्से में बने इस मार्ग को नपा प्रशासन ने खरगोन रोड बायपास मार्ग घोषित किया था। इस बायपास मार्ग से रोजाना बड़ी संख्या में यात्री व मालवाहक वाहन गुजरते हैं। पिछले 20 साल में यह बायपास अतिक्रमण का शिकार हो गया है। कई स्थानों पर अवैध निर्माण किया गया है। भारी वाहनों के आवागमन के दौरान यहां जाम की स्थिति बनती है। अतिक्रमण होने से सड़क की चौड़ाई कम हो गई है। इसलिए इस बायपास मार्ग को अतिक्रमण मुक्त करना चाहिए। इस संबंध में एसडीएम ने भी संज्ञान लेते हुए बताया कि खरगोन पुरानी मंडी चौराहे से नई कृषि उपज मंडी तक बनाए गए बायपास रास्ते पर जो भी अतिक्रमण है उसे हटाने को लेकर कार्रवाई की जाएगी। वहीं नपा अध्यक्ष का कहना है कि बायपास मार्ग पर हो रहे गड्डों को दुरुस्त करवाया जाएगा।
कायाकल्प 2 में मरम्मत का भेजा था प्रस्ताव
कुछ माह पहले पुरानी मंडी की ओर से आने वाली सड़क पर डामर की परत चढ़ाई गई थी। लेकिन वो नाकाफी रही। डामर की पतली परत कुछ ही समय में उखड़ने लगी है। इसके बाद बारिश के चलते यह और खराब हो गई। हाईवे से कृषि उपज मंडी तक का हिस्सा छोड़ दिया गया, यह वर्तमान में सबसे ज्यादा खराब हो चुका है। पूर्व में तत्कालीन सीएमओ ने बताया था कि रोड की मरम्मत के लिए कायाकल्प 2 अभियान में डामर लेयर का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। इसके बाद बताया कि आचार संहिता होने से अभी स्वीकृति नहीं मिली है। चुनावी प्रक्रिया के बाद बाकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है। नपा अध्यक्ष ने बताया था कि खरगोन बायपास मार्ग की मरम्मत के लिए पूर्व में कायाकल्प 2 के तहत प्रस्ताव भेजा था, इसकी स्वीकृति आ चुकी है। लेकिन सीवरेज का काम इस मार्ग पर शुरू नहीं हो पाया है। क्योंकि वहीं से मुख्य लाइन जाना है। यदि सीवरेज के काम में देरी होती है तो डामरीकरण कर मार्ग को दुरुस्त कराया जाएगा ताकि आवागमन में असुविधा ना हो।