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छः महीने से तबादले के बाद भी सीएमओ के कृपा पात्र जाने का नहीं ले रहे नाम

छः महीने से तबादले के बाद भी सीएमओ के कृपा पात्र जाने का नहीं ले रहे नाम

 

केसरिया हिन्दुस्तान मोहित यादव लव

 

सी एम ओ एटा के कृपा पात्र सुशील कुमार सिंह को लेकर निदेशक प्रशासन ने किया जवाब तलब

 

 

एटा। बीते तबादला सेशन 2024-25 में जून जुलाई माह में स्थानांतरित/प्रोन्नत हुए स्वास्थ विभाग एटा के सुशील कुमार सिंह को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने छः माह बीत जाने के बाद भी कार्यमुक्त नहीं किया। अपितु महत्व पूर्ण (मलाईदार) पटल चिकित्सा प्रतिपूर्ति देकर कार्य कराया जा रहा है। यह अधिकारी हैं सुशील कुमार सिंह जो प्रशासनिक अधिकारी पद पर प्रोन्नत हुए और इस पद पर एम सी एच विंग मेरठ के लिए स्थानांतरित किए गए। यह दबा हुआ मामला उस समय खुला जब स्वास्थ महा निदेशालय लखनऊ में लिपिकों के पी-2 सिस्टम पर सुशील कुमार सिंह के नाम के आगे नॉट रिलीव नॉट ज्वाइनिंग दर्ज पाया गया। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए निदेशक प्रशासन चिकित्सा एवं स्वास्थ परिवार कल्याण ने 27 दिसंबर को जारी कठोर सी पत्र देकर संबंधित नियंत्रक अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कड़ा पत्र लिखते हुए तीन दिन में निदेशक प्रशासन के मेल पर अवगत कराने के लिए कहा है। बताते हैं प्रोन्नत/स्थानांतरण किए गए कार्मिकों का जुलाई माह का वेतन स्थानांतरित जिले से निकालने के निर्देश दिए गए थे। परंतु एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उच्चाधिकारियों के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए मनमर्जी से उक्त प्रशासनिक अधिकारी को एटा में रोके रखा है। निदेशक प्रशासन के उक्त पत्र और स्पष्टीकरण मांगे जाने को लेकर जब कुछ पत्रकारों ने प्रशासनिक अधिकारी सुशील कुमार सिंह से पूछा गया आप मेरठ की जगह अभी एटा में काम कैसे कर रहें हैं ? तो उन्होंने कहा जब रिलीव नहीं किया तो कैसे जाते और अधिक पूछने पर मुस्कराते हुए अपने कार्यालय पटल पर काम करते रहे। इस मामले में जब कुछ पत्रकारों ने कॉल करके मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी से इस बाबत जानकारी चाही तो उन्होंने गोलमोल घुमा कर बात कह कर बात टाल दी। गौरतलब है सुशील कुमार सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मुंह लगे कमाऊ पूत माने जाते हैं इसी लिए प्रशासनिक अधिकारी पद पर रहते हुए चिकित्सा प्रतिपूर्ति की का कामकाज बाबू की तरह कर रहे हैं।अब देखना अपनी मनमर्जी से कई महीनों से रोके पड़े सुशील कुमार सिंह के मामले में निदेशक प्रशासन मुख्य चिकित्सा अधिकारी एटा के विरुद्ध क्या एक्शन लेते हैं ?

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