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नर्मदापुरम/बनखेड़ी :- गणेश धाम बाचावानी में शुक्रवार को तिल गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर भक्ति का सैलाब उमड़ा। हजारों की संख्या में भक्तों ने भगवान गणेश के दर्शन किए । मंदिर परिसर में देर रात तक भजन प्रतियोगिता चली जिसमें बाहर से आए भजन मंडलों द्वारा भव्य प्रस्तुति दी गई।
यह है मान्यता……..
श्री गणेश भगवान की मूर्ति एक दांत की है वहीं दाहिनी तरफ सूंड है । मूर्ति पर रिद्धि सिद्धि एवं मूषक एवं शुभ लाभ बने है मान्यता है की यह प्रतिमा प्रति वर्ष तिल के समान बढ़ती है। ग्रामीण बताते है की एक बार फतहपुर के राजा इस मूर्ति को लेने आए थे, जब उन्होंने मूर्ति को हाथी पर सवार किया तो उठ नही पाए और राजा ने मूर्ति को पुनः विधि विधान से उसी स्थान पर विराजित कर दिया । आगे बताते चलें की इस ग्राम में गणेश उत्सव पर कभी कही भी गणेश भगवान की मूर्ति स्थापित नही की जाती ,जहां भगवान गणेश विराजमान करते है वहां कुछ न कुछ घटित हो जाता है। पूरा गांव मंदिर जाकर इसी प्रतिमा की पूजा करता है।
एक दिन पहले शुरू होती है विशाल राज्य स्तरीय भजन प्रतियोगिता
तिल गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले विशाल राज्य स्तरीय भजन प्रतियोगिता का शुभारंभ होता है जो चतुर्थी की रात्रि तक चलता है जिसमें बाहर से पधारे भजन मंडलों द्वारा भव्य प्रस्तुति दी जाती है। जिसमें प्रथम ईनाम 51000 रुपया, द्वातिया ईनाम 41000 हजार रुपए एवं तृतीय ईनाम 31000 हजार रूपए तथा सभी मंडलों को अलग अलग राशि उपहार स्वरूप दी जाती है।
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मंदिर के पुजारी मनोहर वैरागी बताते है की हमारे पूर्वजों से हम ही मंदिर में पूजन करते आ रहे है, भगवान गणेश की यह प्रतिमा दाहिनी तरफ सूंड की है जो पूरे चारों धाम में नहीं है।
गांव ओलावृष्टि से रहता है सुरक्षित
ग्राम बाचावानी के लोगों ने बताया की गांव पर भगवान गणेश की इतनी असीम कृपा है की कभी ग्राम पर प्राकृतिक आपदा का प्रभाव नहीं होता और हमेशा गांव सुरक्षित रहता है।। ग्राम मे जब से भगवान गणेश की स्थापना हुई है तब से कभी ओले गिरे ही नहीं है।