ज़िन्दगी रही तो दाने-दाने को मौताज रही विधवा मौत को गले लगाकर बच्चों की जिंदगी की राह की आसान
केसरिया हिन्दुस्तान मोहित यादव लव
एटा जनपद के शीतल पुर विकास खंड क्षेत्र में के गांव नगला पवल में तंगहाली और मुफलिसी से गुजर रही विधवा महिला ने बीते सोमवार देर रात विषाक्त खाकर आत्महत्या कर जीवन लीला समाप्त कर ली। मंगलवार को रिश्तेदारों के सहयोग से जिन्दगी की जंग हार चुकी मृत महिला के शव का अंतिम संस्कार किया गया।गरीबी से मौत की सनसनी जब इलाके में फैलीं तो गरीब की चौखट पर जिम्मेदार पहुंच गए।और योजनाओं के माध्यम से मदद का भरोसा दिलाया है।हालांकि जिला प्रशासन ने परिवार की किन किन योजनाओं से मदद की जाएगी ये अभी स्पष्ट नहीं किया है।
विधवा महिला ने सुमन उम्र (35) ने सोमवार रात कीटनाशक खाकर जान दे दी।जीते जी जिस महिला की जिंदगी गरीबी और बदहाली से गुजर रही हो उस महिला ने मौत का रास्ता चुन लिया।विधवा महिला के पति ओमकार उर्फ बबलू की वर्ष 2023 में गम्भीर बीमारी के चलते मौत हो गई।एक तो पति की बीमारी से परिवार तंगहाल हो गया वही मौत के बाद दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।मृतिका को अपने बच्चों की देखभाल और भरण पोषण दिन रात खाए जा रहा था।महिला अपने पीछे चार बेटियों , दो बेटे सहित अपना और 70 वर्षीय बूढ़ी सास रामबेटी को छोड़कर मतलब परास्त दुनिया को छोड़कर चली गई।
सुमन मजदूरी करके बच्चों का पेट पाल रही थी कभी मजदूरी मिलती और कभी मजदूरी नहीं मिलती ऐसे जिंदगी का पहिया घूम रहा था।
करने पहुंच जाती थी।आर्थिक तंगी से जूझ रही महिला जब परिवार का बोझ नहीं उठा सकी तो उसने मौत का रास्ता चुन लिया और जीवन लीला समाप्त कर ली।पति की मौत के बाद से अपनी मौत तक सुमन एक-एक पैसे की मदद के लिए तरसती रही।लेकिन जो पाने जीते जी बच्चों को नहीं दे सकी शायद अब उसकी मौत के बाद मिल पायेगा।
मंगलवार रात में ही एसडीएम सदर जगमोहन गुप्ता और तहसीलदार संदीप कुमार मौके पर पहुंचे ।कुछ निजी आर्थिक मदद करते हुए सर्दी से बचाव के लिए कंबल दिए।और मुख्यमंत्री बाल सुरक्षा योजना के तहत सभी बच्चों की मदद का भरोसा दिलाते हुए आश्वासन दिया।एटा के जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह ने मामले की गम्भीरता को समझते हुए तत्काल मुख्य विकास अधिकारी डॉ. नागेंद्र नारायण मिश्रा को परिवार का हालचाल जानने आज मौके पर भेजा जहां उन्होंने आज मौके पर पहुंच कर परिवार की हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया।
जिला प्रशासन ने जांच के बाद परिवार की मदद के लिए खोला पिटारा
मुख्य विकास अधिकारी डॉक्टर नागेन्द्र नारायण मिश्रा ने मनरेगा विभाग के डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर को जांच सौंपी ।जांच के दौरान उपायुक्त श्रम रोजगार विभाग , एस डी एम सदर,जिला समाज कल्याण अधिकारी,जिला पूर्ति अधिकारी,प्रोवेशन आधिकारी,उपायुक्त उधोग,विकास खंड,तहसील स्तरीय तमाम अधिकारियों में मौजूद जांच कराई गई।बच्चों के जीवन निर्वाह के लिए जिला प्रशासन में कड़े फैसले लेते हुए मदद करने की योजना बिंदुबार बनाई है।
सत्तर वर्षीय दादी का नाम मनरेगा योजना के अंतर्गत जॉब कार्ड में जोड़कर मनरेगा योजना के अंतर्गत पानी पिलाने का काम किया गया है।
जिला प्रोवेशन विभाग द्वारा दो छोटे बच्चों को चार हजार रुपए प्रति बच्चा प्रति माह मुख्यमंत्री बाल सुरक्षा योजना अंतर्गत दिया जायेगा।
जिला प्रोवेशन विभाग महिला एवं बाल विकास स्पोंसर योजना के तहत दो बड़े बच्चों पच्चीस सौ रुपए प्रतिमाह प्रत्येक बच्चे को लाभान्वित किया जायेगा।
जिला उद्योग विभाग एटा द्वारा बच्चों सिलाई मशीन,कपड़े,वर्तन ब अन्य सामान दिया जायेगा।
राजस्व विभाग द्वारा छः बीघा जमीन और आठ कंबल सर्दी बचाव के लिए दिए गए ।
प्रवेशन विभाग द्वारा दादी को विधवा पेंशन से लाभान्वित किया जायेगा।
विद्युत विभाग द्वारा बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जायेगा।
पंचायती राज विभाग द्वारा शौचालय के की व्यवस्था की जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों की प्राइवेट विद्यालयों में फीस माफ करवाई जाएगी।
स्वयं मुख्य विकास अधिकारी ने नागेन्द्र नारायण मिश्रा द्वारा मृतिका की बड़ी बेटी छाया गोद लिया गया है जब तक बिटिया पड़ेगी तब तक सी डी ओ द्वारा दो हजार रुपए प्रतिमाह बिटिया के खाते में डाले जाएंगे ।
गांव के प्रधान द्वारा बच्चों की देखभाल हेतु स्वेच्छा से 2100 रुपए प्रतिमाह दिया जायेगा।
ब्लाक प्रमुख शीतलपुर में बड़ी बेटी छाया के अकाउंट में इक्यावन हजार रुपए आर्थिक खाते में डाले गए ही।
समय समय पर लेखपाल पीड़ित परिवार की देखभाल करेंगे।