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शिक्षक की विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण में अहम् भूमिका-विजयलक्ष्मी दीक्षित,11 सेवानिवृत्त शिक्षकों का विदाई समारोह

आशीष शर्मा दैनिक केसरिया हिंदुस्तान

सनावद – शिक्षक ज्ञान के प्रकाश पुंज से सम्पूर्ण समाज को आलोकित करता हैं. शिक्षक विद्यार्थियों की प्रसुप्त क्षमताओं का जागरण करता हैं. शैक्षिक मूल्यों के साथ साथ विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण एवं राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक मूल्यों को संवर्धन में शिक्षक की अहम् भूमिका होती हैं.उक्त विचार शासकीय हाईस्कूल बडूद में जनशिक्षा केंद्र अंतर्गत आने वाली 37 विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा आयोजित संकुल के 11 सेवानिवृत शिक्षकों के विदाई समारोह एवं उच्च पद प्रभार प्राप्त करने वाले शिक्षकों के सम्मान समारोह के अवसर पर जनशिक्षा केंद्र बडूद की प्राचार्य विजयलक्ष्मी दीक्षित ने समारोह की अध्यक्षता करते हुवे व्यक्त किये.कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनशिक्षक जगदीश शाह ने विद्यार्थियों के मन – मस्तिष्क में शिक्षा के साथ साथ विद्या रुपी संस्कारों को स्थापित करने की बात कही. विशेष अतिथि सेवनिवृत जनशिक्षक शिवशंकर सोनी एवं हायरसेकेण्डरी स्कूल हीरापुर के प्राचार्य रेवाराम वर्मा ने सेवनिवृत्त शिक्षकों के सुचितापूर्ण व्यक्तित्व एवं कर्मशील कृतित्व पर प्रकाश डालते हुवे उनके आदर्शो को जीवन में प्रतिष्ठित करने सम्बन्धी प्रेरक विचार रखे.
सेवनिवृत्त शिक्षक सर्वश्री सुरेन्द्र चौकड़े, संतोष उपाध्याय, ओमप्रकाश कुमरावत, केशव बिर्ला, जगदीशचन्द्र तंवर, गोकुल पाटील, राधेश्याम मुछाला, रमेशचंद बिर्ला,सेवनिवृत्त लेखपाल अरुण मण्डलोई, सेवनिवृत्त कार्यालय सहायक प्रदीप जैन एवं दुर्गासिंह सोलंकी का पुष्पहार से स्वागत करते हुवे शाल – श्रीफल से सम्मान के साथ प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया एवं उच्च पद प्रभार प्राप्त करने वाले शिक्षकों का मंगल तिलक व पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया.
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथिगणों एवं सेवनिवृत्त शिक्षकों द्वारा दीप प्रज्जवलित करते हुवे माँ सरस्वती, भारतमाता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. तत्पश्चात शिक्षिका सारिका पटेल द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई. स्वागत भाषण शिक्षक जगदीश पटेल ने प्रस्तुत किया. जनशिक्षा केंद्र अंतर्गत आने वाले शिक्षकों द्वारा सेवनिवृत्त शिक्षकों के प्रशस्ति पत्रों का वाचन एवं गुणानुवाद करते हुवे प्रशस्ति पत्र भेंट किये गए.सेवानिवृत्त शिक्षकों द्वारा भी सेवाकाल के दौरान के अपने अनुभव से सम्बंधित प्रेरक विचार प्रस्तुत किये गए.कार्यक्रम का संचालन शिक्षक भगवानदास बिर्ला ने किया एवं आभार धन्नालाल यादव ने व्यक्त किया इस अवसर पर जनशिक्षकद्वय बाबूलाल इंगले, नसीब खान सहित जन शिक्षा केंद्र अंतर्गत आने वाले 37 विद्यालयों के शिक्षकगण उपस्थित रहें.

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