मदरसा नुरुल हुदा मुजाहिदपुर में हर्षोल्लास के साथ किया गया सालाना जलसे का आयोजन
दीनी तालीम के साथ-साथ दुनिया की तालीम भी है जरूरी ~ हाफिज जमशैद
दैनिक केसरिया हिन्दुस्तान सहारनपुर ब्यूरो चीफ जाती राम
*सहारनपुर मुजफ्फराबाद* मदरसा नुरुल हुदा मुजाहिदपुर में वार्षिक जलसे का आयोजन किया गया जलसा कार्यक्रम में काफी बच्चों ने कुरआन पाक हिफ्ज़ करने की सफलता प्राप्त की जिनकी दस्तारबंदी (सम्मान समारोह) पूरे अदब और एहतराम के साथ की गई। जलसे में नामी इस्लामी विद्वानों और उलेमा-ए-किराम ने शिरकत की और अपने प्रेरणादायक तकरीरों से माहौल को रोशन किया। आयोजित जलसे की अध्यक्षता हजरत मौलाना मोहम्मद उमर साहब ने की मौलाना उमर साहब ने कहा कुरआन एक पाक किताब है इसे याद करना दुनिया और आखिरत दोनों में सफलता की कुंजी है। इसी तरह, हाफिज जुमशैद साहब ने छात्रों को कुरआन के साथ-साथ दीन-ए-इस्लाम की अन्य शिक्षाओं को भी अपनाने की सलाह दी।मुकरीर बयान मौलाना शगीर साहब ने किया उन्होंने कहा कि सभी को साथ लेकर चलना चाहिए और लड़कों के साथ-साथ लड़कियों को भी तालीम हासिल करनी चाहिए सभी विद्वानों ने जलसे में शिरकत कर इस्लामी तालीम की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने हाफिज़ बनने वाले छात्रों को मुबारकबाद पेश की और उन्हें बताया कि कुरआन को याद करना एक बहुत बड़ी नेमत है, जिसे अमल में लाना और दूसरों तक पहुंचाना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। इस मौके पर मोलाना मुजिब्बुर रहमान नदवी मदरसा मोहतमिम हाफिज मोहम्मद जुमशैद साहब कारी मोहतरम साहब जलसे में मौजूद रहे।
जलसे की शोभा बढ़ाने के लिए मदरसा उस्ताद मौलाना अब्दुल मुत्तलिब कारी शहजाद आलम ने रात दिन एक करके जलसे को कामयाब बनकर अपनी मेहनत का परिचय दिया