दिनेश शुक्ला दैनिक केसरिया हिंदुस्तानी
आलोट -प्रदेश के समस्त पटवारी अन्नदाता किसानों के हित में शासन की महत्वपूर्ण योजना राजस्व महा-अभियान 3.0 को पूर्ण निष्ठा के साथ सफल करने हेतु कार्य निष्पादित किया है। यह कि प्रदेश के समस्त पटवारी लगातार मेहनत कर के किसानों की भूमि की आधार eKYC अपनी क्षमतानुसार की जा रही है। स्थानीय सर्वेयरों एवं CSC सेन्टर के माध्यम से किसानों को सूचित कर लगातार कैंप आयोजित करके फार्मर रजिस्ट्री का कार्य किया जा रहा है. किंतु इसके क्रियान्वयन में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों एवं समस्याओं पर भी सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए। अव्वल आने की अंधी दौड़ में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जाने वाली दंडात्मक कार्यवाहियों एवं मानसिक प्रताड़नाओं से पटवारी की रक्षा की कए एवं उस घर रोक लगाई जाए। शासन-प्रशासन का यह जिम्मेदार कर्मचारी पटवारी अपने अन्य समकक्षीय संवर्ग के कर्मचारियों की तुलना में हमेशा से ही उपेक्षा का शिकार रहा है। पटवारियों की समस्याएँ मांगे निम्नानुसार है:-
1. फार्मर रजिस्ट्री व आधार -KYC राजस्व विभाग में उपयोग हो रहे विभित्र साफ्टवेयर व एप्प में लगातार आ रही तकनीकी त्रुटियों की वजह से फार्मर रजिस्ट्री एवं eKYC कार्य में प्रगति अपेक्षानुरूप नहीं हो पा रही है। उपयोग किये जा रहे ऐप एवं सॉफ्टवेयर यूजर फ्रेंडली न होना, पर्याप्त टेस्टिंग न होना, साइट का कभी भी बंद हो जाना एवं प्रशिक्षण का अभाव है। साथ ही कई ग्रामिण क्षेत्रों में नेटवर्क की वजह से भी उक्त कार्य में पटवारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जब पटवारियों द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों को उक्त तकनीकी समस्याओं एवं नेटवर्क की समस्या से अवगत करवाया जाता है तो उनका निराकरण न कर अधिकारी अन्य जिलों में कार्य कैसे हो रहा है, यह कह कर टाल देते है। कई जिलों में रात्रिकालीन केम्प अधिकारियों द्वारा मनमर्जी से बलाऐ जा रहे है। प्रदेश में 33 प्रतिशत महिला पटवारी होकर उनकी सुरक्षा एवं उनकी पारिवारिक जिम्मेदारियों की रष्टिगत रखते हुए रात्रिकालीन कैम्प के आदेश पूर्णतः अव्यवहारिक एवं तानाशाहीपूर्ण है जिस पर तत्काल रोक लगाई जाए।
2. गिरदावरी की तकनीकी समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए जिओ टैग के स्थान पर जिओ फेस किया जाने ताकि
समय सीमा में कार्य पूर्ण किया जा सके।
3-विभाग में उपयोग होने वाले वेबसाइट एवं ऐप उपयोग हो रहे सॉफ्टवेयर एवं ऐप को यूजर फ्रेंडली व बग फ्री
(Bug Free) बनाया जाये, जिससे कार्य में सुगमता हो।
4-पटवारियों को प्रशिक्षण का अभाव यह कि पटवारियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण की व्यवस्था हो।
वाले शोषण से मुक्ति मिल सके।
5. स्वामित्व योजना का कार्य पूर्ण कर देने के बावजूद पटवारी इस कार्य हेतु निर्धारित 1500 रूपये प्रति ग्राम की मानदेय राशि के भुगतान के इन्तजार में है।
कृषि संगणना, एवं सिंचाई संगणना का कार्य पूर्ण करने के बाद भी पटवारी इस कार्य हेतु निर्धारित मानदेय राशि के भुगतान के इन्तजार में है।
7- पटवारियो की गोपनीय चरित्रवाली शासन द्वारा आधुनिक डिजिटल तकनीक का उपयोग कर वर्ष 2019 से प्रशासन के निर्देशानुसार पटवारी संवर्ग की गोपनीय चरित्रवाली को ऑनलाइन किया गया है।
परन्तु स्तरहीन सॉफ्टवेयर, एवं तकनीकी समस्याओ के कारण मध्य प्रदेश के समस्त पटवारियो की गोपनीय चरित्रावली वर्ष 2019 से नही लिखी गयी है। जिसके परिणाम स्वरुप पटवारियो का 10 वर्ष उपरान्त लगने वाला समयमान लगाने हेतु तहसील स्तर पर शोषण किया जा रहा है।
पटवारियो की गोपनीय चरित्रावली का कार्य वर्ष 2019 आर्थत 6 वर्षो से शासन प्रशासन द्वारा पूर्ण नही किया गया जो कि प्रशासन की विफलता एवं कार्य के प्रति लापरवाही को स्पष्ट प्रदर्शित करता है। प्रांतीय पटवारी संघ यह मांग करता है कि पटवारी संवर्ग की गोपनीय चरित्रावली के सॉफ्टवेयर में हो रही लापवाही के प्रति जबाबदेही तय कर इस कार्य को 3 दिवस में पूर्ण करे जिससे पटवारी संवर्ग को शोषण से मुक्ति मिल सके।
8- पटवारियों को तकनीकी संसाधन लैपटाप व मोबाईल फोन उपलब्ध करवाऐ जाने के संबंध में वर्ष
2017 के पश्चात् नियुक्त प्रदेश के पटवारियों को शासन द्वारा आज दिनांक तक मोबाईल फोन की राशि उपलब्ध नहीं करवाई गई है। साथ ही प्रदेश के समस्त पटवारियों को वर्ष 2017 में प्रति पटवारी मोबाईल फोन क्रय करने हेतु 7300 रूपये की राशि दी गई थी वह फोन भी वर्षों पूर्व खराब हो चुके है। प्रदेश के नवनियुक्त 4000 पटवारियों के पास लैपटॉप, मोबाईल व CUG SIM उपलब्ध नहीं है।
प्रांतीय पटवारी भोपाल शासन से यह मांग करता है कि कृषकों के कार्य सुविधापूर्वक तरीके से करने हेतु प्रदेश के समस्त पटवारियों को उच्च गुणवत्ता वाले तकनीकी सुविधा से लैस आधुनिक मोबाइल फोन एवं लैपटॉप उपलब्ध करवाये जाए। लैपटॉप की राशि 50000 रूपये से बढ़ाकर 75000 रूपये तथा मोबाइल फोन की राशि 7300 रूपये से बढ़ाकर 20000 रूपये की जाए ।
यह कि पटवारियों को प्रशिक्षण एवं संसाधानो का अभाव, कार्य करने के उपरान्त भी भत्तों का भुगतान लम्बी अवधि से न होने, कारण बताओं सूचना पत्र, वेतन वृद्धि रोके जाना, निलम्बित किए जाने जैसी दण्डात्मक कार्यवाहियां प्रदेश के कई जिलों में अधिकारीगण कर रहे है, जिससे प्रदेश के पटवारियों में गहन रोष व्याप्त है।
यह कि वर्तमान में प्रदेश में भू अभिलेख का समस्त कार्य ऑनलाइन हो चुका है, फार्मर रजिस्ट्री एवं eKYC के कार्य CSC लॉगइन, स्थानीय सर्वेयर, किसान द्वारा स्वयं लॉगइन कर किया जाना है। अतः जब समस्त कार्य ऑनलाइन है फार्मर रजिस्ट्री एवं eKYC के कार्य में पटवारी पर निर्भरता नहीं है। उसके बाद सॉफ्टवेयर एवं ऐप में तकनीकी समस्या हैं जिनका निराकरण नहीं किया जाता है। इस स्थिति में प्रगति न होने पर पटवारी कार्यवाही व दंड उचित नहीं है।
अतः श्रीमान अनुरोध है कि पटवारियों की उक्त समस्याओ एवं मांगो का 03 दिवस के भीतर निराकरण किया जाए एवं प्रदेश के जिन जिलों में अधिकारीयों द्वारा मनमाफिक तरीके से पटवारियों की वेतन वृधि रोके जाना व निलंबित किये जाने जेसी कार्यवाही की गयी है उसे अविलम्ब निरस्त किया जाए अन्यथा की स्थिति प्रांतीय पटवारी संघ भोपाल चरणबद्ध आन्दोलन हेतु बाध्य होगा जिसकी समस्त जवाबदेही शासन. प्रशासन की होगी।उक्त ज्ञापन आलोट पटवारियों ने दिया जिसमें गोविंद व्यास,कृष्णसिंह राजपूत,प्रदीप पटेरिया,विजयसिंह, चंदशेखर मईडा,रवि व्यास,सतीश विश्वकर्मा,दीपक डामोर,अनीता सोलंकी,त्रिलोक धमानिया,व अजय चौहान उपस्थित थे।