दैनिक केसरिया हिंदुस्तान श्रीराम सेन
सिलवानी-अमृत सरोवर योजना 80 परसेंट केंद्र सरकार 20% प्रदेश सरकार के द्वारा मनरेगा के माध्यम से जारी की गई है जिससे मजदूरों को कम मिले लेकिन हकीकत कुछ और है ।पूर्व में ही ग्राम पंचायत चिचोली में कागजों पर सात तालाब कागजों पर खुदे थे। जिसकी आज तक जांच नहीं हुई और यही अधिकारी थे आखिर जांच न होने का परिणाम है कि लोग गलती पर गलती कर जा रहे हैं।जनपद पंचायत के ग्राम देवरी मंढ़िया ग्राम पंचायत एवं ग्राम पंचायत खमरिया मानपुर में शासन की योजना के अनुसार अमृत सरोवर का निर्माण ऐसे स्थल पर पंचायत के द्वारा कराया गया है। जहां पर उसका कोई भी उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस तालाब के निर्माण में पंचायत ने 16.31 लाख रुपए खर्च करना बताया गया है। इतनी राशि खर्च करने के बाद भी बारिश का पानी एक भी बूंद उक्त तालाब में नहीं रूक सका है।
ग्राम पंचायत देवरी मंढ़िया व ग्राम पंचायत खमरिया मानपुर ने ऐसे स्थल पर तालाब का निर्माण करवाया है। जहां पर बारिश के पानी का संरक्षण तक नहीं हो सका है। इस तालाब के दोनों ओर मिट्टी की पार अवश्य निर्मित की गई और पानी को रोकने के लिए सीसी क्रांकीट का कार्य भी करवाया गया। फिर भी पानी नहीं रूक रहा है। इस पर पंचायत चुप्पी साधे हुए है। इस निर्माण कार्य स्थल का किसी वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा अवलोकन तक नहीं किया गया। इसके कारण उक्त निर्माण कार्य में पलीता लगा है।
कुछ ग्राम पंचायतों में महिला जनप्रतिनिधियों की आड़ में पति सक्रिय-यहां ग्राम पंचायत में पंच से लेकर सरपंच तक महिलाएं निर्विरोध निर्वाचित होकर आ गई। मगर यहां पर महिला सशक्तिकरण नजर ही नहीं आ रही है। महिला जनप्रतिनिधियों की आड़ में उनके पति हर जगह पर सक्रिय है। जिनके निर्देशन में अमृत तालाब का निर्माण कार्य पूरा हुआ। मगर इस तालाब की हालत ऐसी हो गई है कि उसमें बारिश का पानी नहीं रूकता है वर्तमान समय में ठंड का मौसम अभी निकला है। इसके बाद भी इस तालाब में पानी तक मौजूद नहीं है। जिस मकसद से अमृत सरोवर का निर्माण करवाया गया है। वह मकसद पूरा ही नहीं हो रहा है इसके निर्माण में जो भी राशि खर्च की गई है। वह पूरी तरह से अनुपयोगी साबित हो रही है।