हरीश सोनी दैनिक केसरिया हिंदुस्तान
आलीराजपुर-आलीराजपुर पुलिस कंट्रोल रूम में शनिवार को क्राइम मीटिंग आयोजित की गई जिसमे पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास प्रोफेसर की भूमिका में नज़र आए। उन्होंने मीटिंग में उपस्थित सभी राजपत्रित अधिकारी व थाना प्रभारियों को बीट प्रणाली तथा उसके अंदर माइक्रो बीट प्रणाली को बड़ी ही बारीकी से समझाया।गौरतलब है कि पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश कैलाश मकवाना द्वारा सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर पुलिस की बीट प्रणाली को सुदृढ़ रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए। जिसमे बीट को माइक्रो बीट में भी बांटा गया है जिससे पुलिस को एक एक गांव, मोहल्ले की गतिविधि की जानकारी रहे। सभी बीट प्रभारियों से बीट पुस्तिका भी तैयार कराई जा रही है जिससे पुलिस के पास एक एक गांव फलिए व मोहल्ले की कुंडली होगी। यह व्यवस्था ना केवल अपराध को रोकने में कारगर होगी अपितु इससे पुलिस प्रत्येक बदमाश की गतिविधि पर भी नज़र रखकर उस पर लगाम कस सकेगी।
इसके अतिरिक्त क्राइम मीटिंग में लंबित गंभीर अपराध, दुर्घटना सम्बन्धी प्रकरण, समन्स वारंट के तामीली की समीक्षा, महिला अपराध, अभियोजन स्वीकृति हेतु लंबित प्रकरण, इनामी बदमाशों की गिरफ़्तारी की भी समीक्षा की गई।
बैठक में आगामी सात मार्च से प्रारंभ होने वाले भगोरिया उत्सव की तैयारियों की भी समीक्षा की गई, पुलिस अधीक्षक द्वारा भगोरिया उत्सव से पूर्व सुरक्षा व्यवस्था का आंकलन करना, ट्राफिक व्यवस्था, मार्ग व्यवस्था व आयोजकों की बैठक कर सीसीटीवी लगाने के भी निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भगोरिया में महिला सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है इसके लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएँगे।
क्राइम मीटिंग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप पटेल, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस जोबट नीरज नामदेव, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस आलीराजपुर अश्वनी कुमार, उप पुलिस अधीक्षक महिला सुरक्षा बीएल अटोदे, उप पुलिस अधीक्षक अजाक सतीश द्विवेदी सहित सभी थानों के थाना प्रभारी उपस्थित हुए।
बीट प्रणाली को माइक्रो बीट प्रणाली में बदलने से अपराधों पर लगेगी लगाम
एसडीओपी जोबट नीरज नामदेव ने बताया कि पहले बीट व्यवस्था में एक बीट प्रभारी के अंतर्गत दस गांव आते थे। दायरा बढ़ा होने के चलते वह सभी गांवों पर एकसाथ ध्यान नहीं दे पाते थे लेकिन अब नई माइक्रो बीट प्रणाली के अंतर्गत एक बीट प्रभारी को केवल दो से तीन गांवों की जिम्मेदारी दी जाएगी जिससे वह उन गांवों का पूरा बायोडाटा बारीकी से संग्रहित कर पाएगा। साथ ही हर बीट पर सप्ताह में एक बार वहां के थाना प्रभारी निरीक्षण करेंगे वहीं माह में एक बार पुलिस अधीक्षक खुद बीट का निरीक्षण कर यह देखेंगे कि वहां के बीट प्रभारी ने इतने दिनों में क्या किया, क्या इनफॉर्मेशन कलेक्ट की गई, क्या सोर्स डेवलप हुए आदि। जिसके चलते पुलिस अब और बेहतर तरीके से अपराधियों पर लगाम लगाने में सफल हो सकेगी।