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नवीन हैण्डपंप का खनन रहेगा प्रतिबंधित: कलेक्टर ,टीकमगढ़ जिला जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित

दैनिक केसरिया हिंदुस्तान 

इस वर्ष टीकमगढ़ जिले में अल्प वर्षा होने के कारण आगामी ग्रीष्म ऋतु में पेयजल स्त्रोतों की जल आवक क्षमता घटने की संभावना है जिसके कारण जिले में आगामी ग्रीष्म काल में संकट संभावित है। आम जनता को पेयजल एवं निस्तार हेतु जल-आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु उपाय किया जाना अति आवश्यक हो गया है। इस आशय की सूचना कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग टीकमगढ़ एवं जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा प्रस्तुत की गई है।अतः मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये आम जनता के लिये पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जनहित में जल का दुरूपयोग रोकने हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाना आवश्यक है। अतएव आगामी वर्षाकाल प्रारंभ होने की कालावधि 15 जुलाई 2025 अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक के लिये, कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री विवेक श्रोत्रिय ने टीकमगढ़ जिले के संपूर्ण क्षेत्र एवं परिसीमा को मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है।साथ ही आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति टीकमगढ़ जिले की भौगोलिक सीमा के अंदर सक्षम अधिकारी की अनुज्ञा के बगैर किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप खनन नहीं करेगा। अधिनियम के प्रावधान लागू होने की तिथि से कोई भी व्यक्ति पेयजल स्त्रोत तथा समस्त नदी, नालों, तालाबों बाबड़ियों आदि जल-स्त्रोतों का उपयोग सिंचाई, औद्योगिक अथवा व्यावसायिक प्रयोजन हेतु (जिसमें जिलांतर्गत संचालित समस्त निजी वाहन धुलाई सेंटर भी शामिल है) सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर पेयजल का दुरूपयोग नहीं करेगा एवं उपलब्ध पेयजल स्त्रोत/हैण्डपंप/नलकूप आदि के 150 मीटर की परिधि में निजी उद्देश्यों के लिये हैण्डपंप अथवा ट्यूबबैल खनन नहीं करेगा।इस दौरान शासकीय विभागों द्वारा लोक हित में पेजयल हेतु नलकूपों का खनन छोड़कर, सभी प्रकार के नलकूपों के खनन प्रतिबंधित रहेंगे। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की लिखित अनुशंसा पर, विशेष परिस्थितियों में व आपात्कालिक स्थिति की दशा में क्षेत्रांतर्गत अनुविभागीय अधिकारी एवं दण्डाधिकारी पेयजल हेतु निजी नलकूप खनन की अनुमति दे सकेंगे। इसके लिये क्षेत्रांतर्गत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अधिकृत किया गया है।

मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम के अधीन पारित आदेश का उल्लंघन पाये जाने पर अधिनियम की धारा के तहत दण्डनीय होगा, जो दो वर्ष तक के कारावास से या 2 हजार रूपये तक के जुर्माने अथवा दोनों से दण्डनीय होगा। यह आदेश 15 जुलाई 2025 अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक संपूर्ण टीकमगढ़ जिले में प्रभावशील होगा।

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