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जिले के संविदा महासंघ ने नवीन मानव संसाधन मैनुअल का किया विरोध,नवीन मानव संसाधन मैनुअल-2025 को वापस नहीं लेने पर दी आंदोलन की चेतावनी

दैनिक केसरिया हिंदुस्तान

बैतूल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश द्वारा 27 फरवरी 2025 को नवीन मानव संसाधन मैनुअल जारी किया गया है। जिसे लेकर बैतूल जिले सहित प्रदेश भर में कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। भारतीय मजदूर संघ विभाग प्रमुख विनय डोंगरे ने बताया कि भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में 22 जुलाई 2023 को आयोजित संविदा महापंचायत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणाओं को नवीन मानव संसाधन मैनुअल 2025 में अमलीजामा पहनाये जाने की जगह कई तरह की कटोतियां की गयी है। जिसे लेकर अब पूरे प्रदेश में विरोध के स्वर उठ रहे है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष डॉ.साहू ने सरकार से मांग की है कि नवीन मानव संसाधन मेनुअल को तत्काल वापस लिया जाए एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा संविदा महापंचायत में की गयी घोषणाओं को पूरा किया जाए, जिससे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ न्याय हो सके। अगर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नवीन नीति को वापस नहीं लिया जाता है तो संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी आंदोलन के लिये बाध्य होंगे, जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाए चरमरा सकती है जिसकी समस्त जिम्मेदारी मध्यप्रदेश सरकार की होगी।

कर्मचारियों को नियमित पदों पर भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग
संविदा महासंघ के संयोजक ऋषभ जैन ने बताया कि ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणा अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश में कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित पदों पर भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण, अप्रेजल समाप्ति, एनपीएस का लाभ, स्वास्थ्य बीमा, रिटायरमेंट के समय ग्रेज्युटी, नियमित कर्मचारियों के समान अवकाश, महंगाई भत्ता, गृह भाड़ा भत्ता, अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाना था। किंतु नवीन मानव संसाधन मैनुअल 2025 में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित पदों पर भर्ती में 50 प्रतिषत आरक्षण को सम्मलित नहीं किया गया है। पूर्व में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को जारी 20 प्रतिशत आरक्षण को भी समाप्त कर दिया गया है। पूर्व में वर्ष 2018 से बंद कर्मचारियों के शोषण का प्रतीक रही अप्रेजल प्रक्रिया को पुनः शामिल कर कर्मचारियों के साथ अन्याय किया गया है। नवीन नीति में एनपीएस, महंगाई भत्ता, गृह भाड़ा भत्ता, नियमित कर्मचारियों के समान अवकाश, स्वास्थ्य बीमा, रिटायरमेंट के समय ग्रेज्युटी आदि को सम्मलित नहीं किया गया है। कर्मचारियों द्वारा अर्जित अवकाश को 15 से 30 दिवस में परिवर्तित करते हुये कैरी फारर्वड करने की मांग को नजर अंदाज करते हुये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म. प्र. द्वारा शर्तों के साथ अर्जित अवकाश को विषेश अवकाश में परिवर्तित किया गया है एवं पूर्व में प्राप्त चिकित्सा अवकाश को समाप्त किया गया है। जिसे लेकर कर्मचारी संघों ने नाराजगी जताई है।

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