पेपर लीक मामला:क्या है ऑफिशियल ग्रुप में पेपर वायरल होने का मोबाइल नंबर कनेक्शन
केसरिया हिदुस्तान मोहित यादव लव
आरोपी केंद्र व्यवस्थापक अंजू यादव बोली मेरा नहीं है नंबर,शासन को रिपोर्ट भेज कर प्रशासन अधिकारियों ने कर ली इति श्री
पेपर लीक मामले को सी योगी की आंखों धूल झोंकने का किया जा रहा प्रयास
मामला एटा जनपद के जैथरा विकासखंड क्षेत्र स्थित चौधरी बी एल इंटर कालेज से जुड़ा है बीते शनिवार को नगला रेवती स्थित चौधरी बी एल इंटर कालेज में प्रथम पाली की परीक्षा के दौरान गणित का प्रथम पाली में एक ऑफिसियल ग्रुप में पेपर लीक हुआ था ।जिस ग्रुप में जिले जिलाधिकारी एटा प्रेमरंजन सिंह,जिला विद्यालय निरीक्षक इंद्रजीत सिंह,अपर जिला मजिस्ट्रेट,पुलिस कप्तान,अपर पुलिस अधीक्षक,समस्त एस डी एम, सेक्टर मैजिस्ट्रेट,जोनल मजिस्ट्रेट,स्टेटिक मैजिस्टेट,और समस्त परीक्षा केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापक जुड़े है।पेपर ग्रुप में वायरल होने के पंद्रह मिनट बाद हड़कंप मच गया।कंट्रोल रूम से खतरे की घंटी बजी और तत्काल जिला विधायक निरीक्षक के आदेश पर मोबाइल को जब्त किया गया और पेपर को एडमिन पावर से डिलीट किया है। स्टेटिक मजिस्ट्रेट डॉक्टर बृजेश यादव ने जैथरा कोतवाली में केंद्र व्यवस्थापक (पद नाम के विरुद्ध)एफ आई आर दर्ज करवा दी।एफ आई आर में मोबाइल नम्बर8006843032 का जिक्र करते उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई।जिन जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर नकल विहीन परीक्षा कराने का दारोमदार था वह इस मामले को सिर्फ मानवीय भूल बताते रहे।जब हमने मामले की तह तक जाने का प्रयास किया तो चौंकाने वाला सच सामने आया है।स्टेटिक मजिस्ट्रेट ने एफ आई आर में जिस मोबाइल नंबर से पेपर वायरल होने का जिक्र किया है वह नंबर नंबर हमने विद्यालय की एडमिशन के समय सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए प्रचार बोर्ड पर पाया जिसमे विद्यालय के प्रबंधक संजय यादव के नाम से यही मोबाइल नम्बर दर्ज था।जो मोबाइल नंबर पेपर वायरल होने के बाद केंद्र व्यवस्थापक अंजू यादव का बताया जा रहा है।जब हमने इस मोबाइल नम्बर की पड़ताल की और शासन द्वारा जारी की गई सूची खंगाली जिसमे समस्त परीक्षा केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापकों की ड्यूटी लगाई गई है जब सूची में देखा गया तो केंद्र व्यवस्थापक अंजू यादव के नाम के आगे यही नम्बर अंकित था।हम इस मोबाइल नम्बर की हकीकत जानना चाहते थे।इसलिए हमने मोबाइल नंबर को ट्रू कॉलर पर डाल कर देखा तो नम्बर सुधीर यादव जो कि विद्यालय के प्रबंधक है उनका निकला।मामले में मोबाइल नम्बर की कड़ी को जोड़ते हुए एक सिम एक्सचेंज से संपर्क साधा जहां इस नम्बर की पड़ताल में पता चला कि उक्त नम्बर संजय यादव जो कि विद्यालय के प्रबंधक है और ऑफिसियल ग्रुप में जुड़ा है जिससे नकल विहीन परीक्षा की निगरानी और सूचनाएं आदान प्रदान के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा बनाया गया था।सवाल ये खड़ा होता है कि केंद्र व्यवस्थापक का निजी नम्बर जुड़ा होना चाहिए था क्या सारी सूचनाएं और परीक्षा का जिम्मा प्रबन्धक देख रहे थे।ये मामला परीक्षा में बड़े गड़बड़ झाले की ओर इशारा कर रहा है।हमने केंद्र व्यवस्थापक अंजू यादव से अपने सूत्र के माध्यम से जब संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उक्त मोबाइल नंबर उनका नहीं है।कैसे क्या हुआ इस मामले प्रभाव बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है।केंद्र व्यवस्थापक अंजू यादव को जो पहचान पत्र जिला प्रशासन द्वारा जारी किया गया है उसमें उनका मोबाइल नम्बर 6306787056 अंकित है।आगे की जानकारी देने से आरोपी केंद्र व्यवस्थापक ने इंकार कर दिया है।मामले पर एफ आई आर दर्ज करवाने वाले स्टेटिक मजिस्ट्रेट ब्रजेश यादव से जब हमने बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम से सूचना मिलते ही हमने मौकेपर पहुंच कर मोबाइल जब्त कर लिया और ड्यूटी चार्ट और सूची में अंकित मोबाइल नम्बर और जिस नंबर से पेपर वायरल हुआ उस मोबाइल नंबर के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करवाई है।ज्यादा जानकारी न देते हुए उन्हों कहा मामले की पुलिस विवेचना कर रही है किसका नबर है मुझे जानकारी नहीं है।पड़ताल की आखिरी कड़ी और नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराने वाले जिम्मेदार अधिकारी डी आई ओ एस इंद्रजीत सिंह से हमनें बात की तो उन्होंने भी अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए गेंद पुलिस विवेचना के पाले में डाल डी।हमारी पड़ताल में साफ तौर पर सिद्ध हुआ है कि उक्त मोबाइल विद्यालय के प्रबंधक का है और अभी पुलिस के कब्जे में है।हालांकि एटा पुलिस मामले की गहनता से पड़ताल कर रही है।और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।ऑफिसियल ग्रुप के प्रबन्धक का मोबाइल नकल विहीन परीक्षा पर बड़े सवाल खड़ा कर रहा है।साफ तौर पर जाहिर हो गया है कि प्रबन्धक द्वारा नकल कराने की मंशा पूर्व से ही थी।पूर्व के वर्षों में इस विद्यालय में मोबाइल पकड़ाग या था।इसलिए प्रशासन ने इस परीक्षा केंद्र को अतिसंवेदन शील परीक्षा केंद्रों में शामिल रखा है।