दैनिक केसरिया हिंदुस्तान
मैहर स्टेट हाईवे-11 अब हाईवे कम, धूल भरी पगडंडी ज्यादा लगने लगा है। MPRDC ने शिकायतों के बाद हरकत तो दिखाई, लेकिन सुधार की जगह खेतों की मिट्टी उठाकर शोल्डर पर पटक दी। नियमों के मुताबिक मुरूम से भराई होनी थी, पर यहां कोरम पूरा करने की परंपरा निभाई जा रही है। नतीजा? बरसात में मिट्टी बह जाएगी और सड़क फिर गड्ढों में तब्दील हो जाएगी!
टूटी पुलिया, उड़ती धूल, और प्रशासन की मीठी नींद!
स्टेट हाईवे-11 पर टूटी पुलिया किसी अनहोनी को दावत दे रही है, मगर जिला प्रशासन ‘सब चंगा सी’ मोड में है। हादसे बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन टोल वसूली बदस्तूर जारी है। सुविधाओं की बात करें, तो एंबुलेंस नहीं, प्राथमिक चिकित्सा नहीं, बस लूट-खसोट और मुनाफा ही मुनाफा! आखिर इतनी टोल वसूली का पैसा जाता कहां है? या फिर धूल उड़ाने के लिए भी टेंडर पास हुआ है? मैहर प्रशासन, MPRDC और ठेकेदारों की तिकड़ी ने मिलकर जनता को धूल चटाने की ठान ली है। अब देखना ये है कि पहले सड़क दुरुस्त होती है या जनता का गुस्सा फूटता है!